जौनपुर

...जब सदन में चर्चा के दौरान ललई यादव ने एक भाजपा के मंत्री को कह दिया भाट गिरी करने के लिये खड़े हो गये हो!

Special Coverage News
8 Feb 2019 5:08 AM GMT
...जब सदन में चर्चा के दौरान ललई यादव ने एक भाजपा के मंत्री को कह दिया भाट गिरी करने के लिये खड़े हो गये हो!
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लखनऊ। जौनपुर जनपद के शाहगंज से समाजवादी पार्टी के विधायक शैलेन्द्र यादव ललई ने बजट सत्र के तीसरे दिन सदन में भाजपा सरकार पर जमकर आरोप लगाया। गुरुवार को ललई यादव ने कहा कि विधानमण्डल के दोनों सदनों के समक्ष महामहिम राज्यपाल राम नाईक ने गुरूवार को जो अभिभाषण किया है, वह सरकारी सूचना विभाग की विज्ञप्तियों का संकलन मात्र है उसमें न भाजपा सरकार की किसी उपलब्धि का जिक्र है और न ही उसमें आगे की दिशा का कोई संकेत है। जिन कथित उपलब्धियों का जिक्र है, वे समाजवादी सरकार के कामों का ही विस्तार है जबकि उसमें भाजपा की कोई अपनी योजना नहीं है।

विधायक ललई यादव ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण की शुरूआत ही भाजपा सरकार के झूठ व हवाई दावों के साथ हुई है। अपराध, भयमुक्त व विकासोन्मुखी वातावरण की बात कितनी बेमानी है वह इसी से स्पष्ट है कि प्रदेश में हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार आदि घटनाओं की बाढ़ आयी है। फर्जी एनकाण्टरों पर सरकार को जवाब देना पड़ रहा है। महिलाएं व बच्चियां इतनी असुरक्षित हैं कि दबंगों एवं शोहदों के भय से सड़क पर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हैं। इसको लेकर कई ने तो आत्महत्या तक कर लिया है। पुलिस, माफिया व भाजपा नेताओं की साठ-गांठ से प्रदेश में भय का वातावरण है। जनता भयग्रस्त है तो अपराधी भयमुक्त हैं। समाजवादी सरकार में अपराध नियंत्रण के लिये बनी यूपी डायल 100 और 1090 की योजना को भाजपा सरकार ने बर्बाद कर दिया है।

विधायक ललई यादव ने कहा कि जहां तक विकासोन्मुखी वातावरण का दावा है, यह इस सदी का सबसे बड़ा झूठ है। विकास के नाम पर भाजपा सरकार ने सिर्फ जनता को भटकाने और समाजवादी योजनाओं को अपना बताने का फरेब किया है। गांव, गरीब, किसान, नौजवान आदि सब उपेक्षित हैं। किसान कर्ज से लदा है जो आत्महत्या करने पर मजबूर है। गन्ना किसान बकाया भुगतान की मांग करते हैं तो उनका उत्पीड़न किया जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिये गन्ना न बोने की सलाह देने लगे हैं। सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य नहीं मिलने से किसान बिचौलियों द्वारा ठगा जा रहा है। किसान को समाजवादी सरकार में निःशुल्क सिंचाई सुविधा मिली थी, वह बंद हो गयी है।

भाजपा सरकार प्रयागराज में अर्द्धकुम्भ को कुम्भ बताकर एवं इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने को ही अपनी बड़ी उपलब्धि बता सकती है, क्योंकि दिव्य व भव्य कुम्भ तो पिछली समाजवादी सरकार में ही सम्पन्न हुआ था जिसकी सराहना हार्वर्ड विश्वविद्यालय से आये शोधार्थियों की टीम ने भी की थी। समाजवादी सरकार में श्रमिकों के सम्मान के साथ कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत हुई थी। विभिन्न क्षेत्रों के कारीगरों को सुविधाएं देने के साथ उनके शिल्प के विक्रय और प्रदर्शन की व्यवस्था की गयी थी। इस सरकार में शिक्षा-स्वास्थ्य के क्षेत्र में तो स्थिति बदतर हो गयी है। समाजवादी सरकार ने लैपटाप बांटे थे तथा कन्या विद्याधन दिया था लेकिन भाजपा सरकार वादे के बावजूद छात्र-छात्राओं को लैपटॉप नहीं दे सकी। समय से बच्चों को यूनीफार्म, जूते, मोजे, स्वेटर देने के बजाय उसमें भी घपला नजर आया है। समाजवादी पेंशन खत्म है तथा बिजली का एक यूनिट भी उत्पादन नहीं हुआ परंतु बिजली बांटने के लम्बे-चौड़े दावे हो रहे हैं। श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार को सत्ता में आये 2 वर्ष हो रहे हैं। अब तक हर क्षेत्र में असफलता और विकास के नाम पर विनाश की कार्यवाही को ही भाजपा राज में प्राथमिकता मिली है। मंहगाई से जनता त्रस्त है तथा हर तरफ असंतोष और आक्रोश है। देश को नई सरकार, नया प्रधानमंत्री देने का संकल्प है। फिर भी राज्यपाल ने तमाम राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भाजपा सरकार को मिलने का चिट्ठा पेश किया है। समझ में नहीं आता है कि बिना कुछ किये-धरे इतनी प्रशंसा कैसे बटोर ली गयी। सच्चाई तो यह है कि समाजवादी सरकार के कामों के उद्घाटन का उद्घाटन और शिलान्यास का शिलान्यास करने के अलावा भाजपा सरकार ने कुछ किया ही नहीं।

सदन में चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों बीच बीच में टोकाटोंकी करने पर आक्रोशित होकर ललई यादव ने कहा कि एक भाजपा विधायक कों निर्मल बाबा बोल रहे थे तब नहीं पीड़ा हो रही थी अभी मैंने शुरू किया की आप लोगो कों पीड़ा होने लगी वहीं विधायक भाजपा विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि माननीय मंत्री लोग तो नहीं बोलते लेकिन विधायक लोग पीछे से पीछे से टोका टोकी करते हैं। एक बार भाजपा विधायक बड़े आक्रोश में कुछ बोलने लगे तो कड़ा रुख अपनाते हुए ललई यादव कहा कि बैठ जाओ जिस पर अध्यक्ष ने बीच बचाव करते हुए बातआगे बढ़ाने को कहा स्वामी प्रसाद मौर्य खड़े होकर खड़े होकर बोलने लगे जिस पर ललई कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि अध्यक्ष जी यह क्यों खड़े हो गए यह अपना भाट गिरी करने के लिए खड़े हो गए फिर किसी तरह मामला शाँत हुआ। चर्चा आगे बढ़ी।

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