जौनपुर

सपा प्रदेश अध्यक्ष को पता ही नहीं चली ये बात, उनके नेता कब गया जेल और कब लगी रासुका!

Shiv Kumar Mishra
14 Jun 2020 4:26 AM GMT
सपा प्रदेश अध्यक्ष को पता ही नहीं चली ये बात, उनके नेता कब गया जेल और कब लगी रासुका!
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यहाँ भदेठी प्रकरण से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें शुक्रवार को इसकी जानकारी दी गई। अभी उन्होंने ठीक से मामले को देखा भी नहीं है।

जौनपुर। चर्चित सरायख्वाजा के भदेठी कांड में आरोपी बनाए गए सपा नेता जावेद सिद्दीकी अलग-थलग पड़ गए हैं। ज़िला से लेकर प्रदेश संगठन तक इसमें ढुलमुल रवैया अपनाए है। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने शनिवार को जौनपुर में यहां तक कह दिया कि उन्हें अभी प्रकरण की ठीक से जानकारी ही नहीं।

शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले सपा नेता जावेद सिद्दीकी पिछले विधान सभा चुनाव में पार्टी के घोषित प्रत्याशी थे। कांग्रेस से गठबंधन हुआ तो सदर सीट से उनकी जगह कांग्रेस प्रत्याशी नदीम जावेद ने चुनाव लड़ा । हालांकि इसमें गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा। विधानसभा का टिकट पाए जाने के बाद से ही जावेद सिद्दीकी कई समाजवादी पार्टी नेताओं की आंख में खटकने लगे, क्योंकि सदर सीट से वो अपने-अपने करीबियों को चुनाव लड़ाना चाह रहे थे। टिकट न मिलने से सभी खार खाए बैठे थे। हालांकि इसके बाद भी लगातार जावेद सिद्दीकी जनहित के काम में जुटे रहे।


अपने खर्च पर ही गांव के कई विकास कार्य कर डाले। इसी बीच बीते 9 जून को भदेठी गांव की दलित बस्ती में तोड़फोड़ और आगज़नी हुई। इसमें सपा नेता जावेद सिद्दीकी को भी आरोपी बनाते हुए जेल में डाल दिया गया।

उनके जेल भेजे जाने के बाद ज़िले के कुछ समाजवादी पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तक जानकारी भेजी। अपने स्तर से बताया कि जावेद सिद्दीकी को इसमें फंसाया गया है, लेकिन ज़िला संगठन ने इसकी आधिकारिक जानकारी 3 दिन तक प्रदेश संगठन को नहीं दी। शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पूर्व कैबिनेट मंत्री पारसनाथ यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।

इसके बाद शाहगंज विधायक शैलेंद्र यादव ललई के नगर स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। यहाँ भदेठी प्रकरण से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें शुक्रवार को इसकी जानकारी दी गई। अभी उन्होंने ठीक से मामले को देखा भी नहीं है। अगर जावेद सिद्दीकी दोषी हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

बता दें कि पिछले कई दिनों से यह खबर मीडिया की हेड लाइन बनी हुई है जबकि समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को इस बात की अभी भनक भी नहीं है। आखिर सपा अब किस तरह अपने वोट बेंक को बचा पाएगी यह कहना अभी बड़ी जल्दी होगा। लेकिन वोटर अपने मन में सपा के प्रति शंका जरुर रखना शुरू कर देगा।

जबकि इस केस में दलित बनाम मुस्लिम मामला फंसा हुआ है जहां बसपा और ओमप्रकाश राजभर सीएम योगी की तारीफ़ में कसीदे पढ़ रहे है तो सपा अब किस बात का इंतजार कर रही है समझ से परे है, लेकिन एक बात जरुर है बीजेपी ने मुसलमानों को अब हासिये पर खड़ा कर दिया है और अगली सरकार को लेकर मोदी ने वही खेल खेलना शुरू कर दिया है जो खेल खेलकर 2012 में सरकार बनाई थी। इस खेल में फंसकर अब सपा अपना बड़ा नुकसान करने जा रही है, जिसकी भरपाई करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो सकता है।

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