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मुंगरा में स्थानीय प्रशासन को चुनौती दे रहा है देह व्यापार का धंधा, आखिर किसके सरंक्षण में फल फूल रहा है?
मुंगराबादशाहपुर ( जौनपुर ) क्षेत्र में इन दिनों नगर सहित अन्य होटलों ढाबों पर देह व्यापार का धंधा जोर शोर से चल रहा है। स्थानीय प्रशासन के नाक के नीचे मुंगराबादशाहपुर के नगर के होटलों और राष्ट्रीय राजमार्ग बरेली जौनपुर, जौनपुर प्रयागराज, मुंगराबादशाहपुर प्रतापगढ़ हाइवे के आस पास स्थित होटलों व ढाबों पर देह व्यापार का धंधा तेजी से चल रहा है जिसके बारे में स्थानीय प्रशासन को जानकारी भी है पर मुंगर पुलिस इस मामले का पर्दाफाश करने से अपना हाथ जल जाने के भय से मूंदहूं आंख कतहु कोउ नाही कहावत को चरितार्थ कर रही है।
इस संबंध में सूत्रों से मिली जानकारी व जांच पड़ताल के अनुसार थाना क्षेत्र के अंतर्गत क्षेत्र में नगर के होटलों व हाईवे के किनारे स्थित तमाम जगहों पर जिस्मफरोशी का व्यापार तेजी से पांव पसार रहा है। आए दिन इसकी चर्चाएं भी होती रहती है बावजूद इसके प्रशासन अनजान बना हुआ है और न्याय की देवी की तरह आंख पर काली पट्टी बांधकर घूम रही है। चर्चा यह भी है कि राजनीतिक दल के प्रभावशाली नेताओं के सरंक्षण में रहने वालों द्वारा मुंगरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नगर व हाइवे के किनारे स्थित होटलों और ढाबों पर जिस्मफरोशी का धंधा खूब फल फूल रहा है जिसका राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त है जिस पर रोक लगाने में स्थानीय प्रशासन नाकाम रहा है।
इन सबको कार्यों को करने में कोई रुकावट न हो इसके लिए भी प्रशासन को मोटी रकम हर महीने पहुंचाई जाती है। फैमिली रेस्टोरेंट और ढाबों के नाम पर यह पर कुछ और ही संचालित होता है। अब सवाल यह खड़े हो रहें हैं कि आखिर किसके सरंक्षण में देह व्यापार का धंधा चल रहा? जिसे रोकने में पुलिस प्रशासन भी खौफ खा रहे हैं? वो कौन से राजनीतिक दलों के नेता हैं जिसके सरंक्षण में यह सब फल फूल रहा है?क्यों प्रशासन इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रहा है? क्या प्रशासन खाकी वर्दी खादी की आड़ लेकर गलत तरीके से पैसा कमाने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ कार्यवाही करने में असमर्थ है? क्या पुलिस इनके आगे घुटने टेकने पर मजबूर है?ऐसी क्या वजह है जिसके कारण स्थानीय प्रशासन कार्यवाही करने में असमर्थ है?
अब देखना यह है कि अभी हाल ही में मुंगरा थाने की कमान संभालने वाले ओम नारायण सिंह और राम बहादुर चौधरी कहां तक इसको रोकने व पर्दाफाश करने में सफल होते हैं। फिलहाल प्रशासन अभी प्रशासन लोगों को मास्क ड्राइविंग लाइसेंस आदि के नाम पर पैसा वसूल कर वहां पर अपना खाकी वर्दी का झूठा रौब झाड़ने में लगी है।