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देश में बिगड़ रहे सांप्रदायिक सौहार्द (Communal Harmony) के माहौल के बीच झांसी (Jhansi) के बड़ागांव कस्बे (Badgaon Kasba) से एक राहत देने वाली खबर सामने आ रही है। मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक धार्मिक स्थलों पर लगे हुए लाउडस्पीकरों (Loudspeaker) को हिंदू और मुस्लिम (Hindu-Muslim) दोनों समुदायों के लोगों ने आपसी सहमति से ही उतार लिया है ताकि किसी को कोई परेशानी ना हो। जहां एक ओर मस्जिद पर अजान के लिए लगाए गए लाउडस्पीकर हटा लिए गए हैं वहीं मंदिरों से भी लाउडस्पीकर उतार लिए गए हैं।
इस बीच मीडिया से बातचीत करते हुए दोनों धार्मिक स्थलों (Religious Place) के प्रबंधकों ने इस फैसले को आपसी सद्भाव बनाए रखने की दिशा में उठाया गया कदम बताया है। सुन्नी जामा मस्जिद बड़गांव के प्रतिनिधि ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा है कि सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए थे कि केवल इतनी ही आवाज की जाए ताकि आवाज परिसर से बाहर नहीं जाए इसे देखते हुए बाहर के लाउडस्पीकर हटा लिए गए हैं। केवल मस्जिद के अंदर ही स्पीकर लगे हैं ताकि बाहर आवाज नहीं जाए और किसी को कोई परेशानी नहीं हो।
उन्होंने कहा है कि हमें गंगा जमुनी तहजीब बचाकर रखना है और एक दूसरे से मेल- मिलाप के साथ रहना है। उन्होंने कहा कि मेरी यही दुआ है कि लोगों के बीच आपसी साहार्द बना रहे। माहौल किसी भी सूरत में नहीं बिगड़नी चाहिए।
वहीं दूसरी ओर पास के एक ही एक मंदिर में लगे लाउडस्पीकरों को भी हटा दिया गया है। मंदिर के पुजारी ने कहा है कि सरकारी निर्देश और आसपास के लोगों की परेशानी को देखते हुए मंदिर के बाहर लगे लाउडस्पीकरों को हटा दिया गया है। हमारा लक्ष्य है कि क्षेत्र में आपसी सौहार्द हर हाल में बनी रहती चाहिए। किसी भी तरह की हिंसा के लिए किसी भी पक्ष को कोई मौका नहीं दिया जाना चाहिए। हम दूसरे के साथ मिलकर रहें इसी से हमारी साझा संस्कृति जीवित रहेगी।
आपको बता दें कि देश में इन दिनों पूरब से पश्चिम तक मंदिरों और मस्जिदों में हनुमान चालीसा और अजान का मामला गरमाया हुआ है। कई जगहों पर इसे लेकर जबरदस्त रस्साकशी देखी जा रही है। इस माहौल के बीच झांसी के मंदिरों और मजिस्जदों से अपनी स्वेच्छा से लाउडस्पीकर हटाने की खबर एक सकारात्मक खबर के रूप में सामने आयी है। देश में गंगा-जमुनी तहजीब को बचाकर रखने के लिए इस तरह के पहल सभी जगहों पर लोगों को स्वेच्छा से करनी चाहिए।
तभी हम मंदिर और मस्जिद के विवाद से हटकर देश के विकास की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर पाएंगे हैं। सत्ता भी तभी हर धर्म और संप्रदाय का विश्वास जीत पाएगा। बड़े-बड़े राजनेताओं और धर्मगुरुओं को जो टीवी चैनलों पर जहर उगलने का काम करते रहते हैं उन्हें झांसी के एक मुहल्ले के धार्मिक लोगों से सबक लेनी चाहिए कि आखिर धर्म का सही अर्थ क्या होता है।