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विकास दुबे के दो गुर्गों को दी क्लीन चिट, जबकि एक सप्ताह पहले किया था इनाम घोषित
कानपुर. गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने के बाद उसकी गैंग के खिलाफ ऑपरेशन चला रही यूपी पुलिस विवादों में आ गई। शनिवार काे महाराष्ट्र के ठाणे में विकास दुबे के जिन दो गुर्गों अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी और सोनू तिवारी को महाराष्ट्र एटीएस ने पकड़ा था, उन दोनों को लेकर यूपी पुलिस ने यूटर्न लिया है। शनिवार को एक प्रेसनोट के जरिए यूपी पुलिस ने कहा कि ये दोनों लोग चौबेपुर केस में नामित अथवा वांछित नहीं हैं। जबकि 3 जुलाई को पुलिस ने अरविंद उर्फ गुड्डन को वांछित बताया था और उस पर 25 हजार का इनाम भी रखा था। अब कहा जा रहा है कि वह शूटआउट में शामिल नहीं था।
कानपुर पुलिस ने शूटआउट के बाद विकास गैंग के 15 साथियों की लिस्ट जारी थी। इन पर 25-25 हजार रुपए का इनाम भी रखा था। इस लिस्ट में अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी का नाम भी था। यूपी पुलिस का कहना है कि गुड्डन विकास गैंग का पुराना साथी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कानपुर पुलिस ने हड़बड़ी में वांटेड की लिस्ट जारी कर दी थी?
बताया जा रहा है कि सुशील कुमार उर्फ सोनू तिवारी गुड्डन का ड्राइवर है। कानपुर पुलिस का कहना है कि दोनों की भूमिका की जांच की जा रही है। अब पुलिस गुड्डन और सोनू तिवारी को लेने के लिए मुंबई जाएगी या नहीं, अभी यह भी साफ नहीं हो सका है।
मोस्ट वांटेड की लिस्ट में था गुड्डन
बिकरु गांव में 2 जुलाई की रात 8 पुलिसवालों की हत्या के बाद पुलिस ने 15 मोस्ट वांटेड की फोटोयुक्त सूची जारी की थी। इसमें गुड्डन त्रिवेदी की फोटो 8वें स्थान पर थी। उस पर पुलिस ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया था। यूपी एसटीएफ ने उसके रूरा स्थित घर पर दो बार दबिश भी दी थी। लेकिन शूटआउट के बाद से ही वह परिवार समेत फरार हो गया था। हालांकि, उसका नाम पुलिस की एफआईआर में शामिल नहीं था। लेकिन यूपी पुलिस के अलर्ट के बाद ही महाराष्ट्र एटीएस ने दबोचा।
ऐसे चढ़ा था महाराष्ट्र एटीएस के हत्थे
महाराष्ट्र एटीएस के अनुसार, एटीएस की जुहू यूनिट को मुंबई और ठाणे में विकास के कुछ करीबियों के छिपे होने की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस इंस्पेक्टर और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। इस टीम ने शनिवार सुबह ठाणे के कोलशेत रोड पर एक घर पर छापा मारा। यहां गुड्डन त्रिवेदी और उसके ड्राइवर सोनू तिवारी को गिरफ्तार किया है। 46 वर्षीय त्रिवेदी पर भी 2001 में यूपी के राज्यमंत्री संतोष शुक्ल की हत्या की साजिश का आरोप था।
शूटआउट के बाद सपा अध्यक्ष के साथ सामने आई थी तस्वीर
कानपुर देहात के कुढ़वा रूरा का रहने वाला गुड्डन रूरा से जिला पंचायत सदस्य है। उसकी पत्नी कंचन कुढ़वा गांव की प्रधान है। साल 1998 में वह विकास के संपर्क में आया था। 2001 तक वह विकास के बॉडीगार्ड के तौर दिखता था। कहा जाता है कि गैंगस्टर विकास के रसूख के बल पर ही उसने क्षेत्र में अपनी पैठ बनाई और जिला पंचायत सदस्य बन गया। यह भी कहा जाता है विकास के राजनीतिक कनेक्शन की पूरी जानकारी गुड्डन को है। हाल ही में उसने एक दुकान का उद्घाटन भी विकास से कराया था।
विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया
9 जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर से विकास के सरेंडर के अंदाज में गिरफ्तारी हुई थी। शुक्रवार सुबह कानपुर से 17 किमी पहले भौंती में पुलिस ने विकास को एनकाउंटर में मार गिराया। विकास के 5 साथी पहले ही मुठभेड़ में मारे गए हैं।
आप सांसद संजय सिंह बोले
"ये योगी सरकार चल रही है या मज़ाक़ चल रहा है" जिस गुड्डन त्रिवेदी को कानपुर पुलिस ने 2 जुलाई की घटना में शामिल बताया 25 हज़ार का ईनाम भी घोषित कर दिया पोस्टर भी छाप दिया अब यू पी पुलिस कह रही है "गुड्डन के ख़िलाफ़ कोई सबूत नही"