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कानपुर केस में नया मोड़? शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र की एसएसपी को लिखी चिट्ठी वायरल
कानपुर : कानपुर शूटआउट मामले में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र और एसओ विनय तिवारी के बीच अनबन की बात पहले ही सामने आ रही थी। अब देवेंद्र मिश्र का एक पत्र सामने आया है, जिसमें उन्होंने एसएसपी से तिवारी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की है। अपने पत्र में मिश्र ने कहा है कि तिवारी का गैंगस्टर विकास दुबे के पास आना-जाना है और उनकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध है।
चिट्ठी में सीओ ने लिखा था कि उन्होंने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए थानाध्यक्ष चौबेपुर विनय तिवारी को निर्देशित किया था क्योंकि ऐसे अपराधी के खिलाफ सामान्य जनता शिकायत करने का साहस नहीं रखती। इसके अलावा सीओ ने चिट्ठी में 13 मार्च 2020 को थाना चौबेपुर में विकास दुबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 386/47/48/323/504/506 के तहत दर्ज मामले का जिक्र किया है और कहा है कि उक्त मामले में उन्होंने एसओ तिवारी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
मुकदमे की धारा हटाई
मिश्रा ने कहा कि मामले पर शून्य कार्रवाई के बाद उन्होंने जब इसका निरीक्षण किया तो पाया कि आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले में से धारा 386 को हटा दिया गया है और इसकी जगह पर पुरानी रंजिश होने के संबंध में मामला दर्ज कर दिया गया है। विवेचक से जब इस बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि थानाध्यक्ष के कहने पर ऐसा किया गया है। इस बारे में मिश्र ने उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराने की बात कही है।
SO की सत्यनिष्ठा पर संदेह
मिश्र ने अपने पत्र में एसएसपी से कहा था कि विकास दुबे जैसे कुख्यात अपराधी के साथ थानाध्यक्ष के सहानुभूति बरतने और उसके खिलाफ कार्रवाई न करने की वजह से विनय कुमार तिवारी की सत्यनिष्ठा संदिग्ध है। अन्य माध्यमों से जानकारी मिली है कि एसओ का विकास दुबे के पास आना-जाना और बातचीत जारी है। अगर थानाध्यक्ष की ऐसी कार्यप्रणाली नहीं बदली तो गंभीर घटना घटित हो सकती है। इसके बाद मिश्र ने एफआईआर से धारा हटवाने और कार्रवाई न करने पर विनय तिवारी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की।
आईजी बोले, चिट्ठी की जांच होगी
मिश्र का यह पुराना पत्र वायरल होने के बाद मामले को लेकर प्रशासन में खलबली मच गई है। इससे सीओ देवेंद्र मिश्र और एसओ विनय कुमार तिवारी के बीच अनबन की बातों को जहां बल मिला है, वहीं विनय कुमार तिवारी के खिलाफ संस्तुति करने के बाद भी कार्रवाई न होने पर पुलिस उच्चाधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। एसओ तिवारी की मामले में भूमिका पहले ही संदिग्ध मानी जा रही है। हालांकि, आईजी ने वायरल चिट्ठी को लेकर जांच की बात कही है। उन्होंने कहा कि एसएसपी दफ्तर से फाइल मंगाकर चिट्ठी की सत्यता की जांच की जाएगी।