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आम आदमी बनकर इलाज कराने पहुंचे डीएम, चुपचाप देखते रहे नजारा, जाने फिर क्या हुआ
राज्य की प्रजा का हाल जनने की इच्छा होती थी तो राजा अपना भेष बदलकर रात में गांव की गलियों की ओर निकल जाते थे की हमारी प्रजा कैसी है ऐसा ही एक मामला कानपुर में देखने को मिला है जहा कानपुर के जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर सुबह-सुबह आम आदमी बनकर उर्सला जिला अस्पताल पहुंच गए।
उन्होंने लाइन में लगकर ओपीडी के लिए अपना पर्चा बनवाया। अपनी आंखों के चेकअप के लिए वे नेत्र विभाग के बाहर बैठ गए। वहां तैनात डॉक्टर आरपी शाक्य और डॉ. एमएस लाल का 45 मिनट तक इंतजार किया। लेकिन डॉक्टर समय से नहीं आए। सरकारी अस्पताल में मरीजों के इलाज की हकीकत देखकर खुद डीएम भी परेशान हो गए।
जिलाधिकारी विशाख जी चुपचाप मुंह में मास्क लगाए घूम-घूमकर नजारा देख ही रहे थे। इसी बीच अस्पताल प्रशासन को भनग लग गई कि जिलाधिकारी औचक निरीक्षण पर है। आनन-फानन उर्सला अस्पताल के सीएमएस डॉ एके सिंह पहुंचे। उन्होंने जैसे बोला सर नमस्ते! दो मिनट शांत रहे डीएम भड़क उठे। उन्होंने पूछा ये सब क्या चल रहा है। कई मरीजों के जमीन पर बैठने पर भी उन्होंने काफी फटकार लगाई।
इसके बाद डॉ. एके सिंह के साथ पूरे अस्पताल का निरीक्षण किया। पैथालॉजी, स्टोर और अस्पताल का एक-एक चैंबर देखा। इसके बाद वहां से चले गए। कुछ देर बाद डीएम आवास से सीएमएस के साथ ही सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह के पास कारण बताओ नोटिस पहुंचा। जिसमें डीएम ने अस्पताल में मिली लापरवाही पर कई सवाल पूछे गए हैं। दोनों अफसरों को निर्धारित समय पर इसका जवाब भी देना है। डीएम का यह रुख देखकर शहर के सभी सरकारी महकमों में हड़कंप की स्थिति है।
लापरवाही का आलम यह था कि ओपीडी के कई कमरे बंद थे। गंदगी बिखरी पड़ी थी, जैसे सुबह कोई साफ-सफाई न हुई हो। रजिस्ट्रेशन काउंटर भी पूरे नहीं खुले थे। इसी बीच किसी तरह अस्पताल के बड़े अधिकारियों को पता चल गया कि डीएम साबह ने छापा मारा है, तो सबकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। सीएमएस भागे-दौड़े अस्पताल पहुंचे।