- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- कानपुर
- /
- कानपुर बाल सरंक्षण...
कानपुर बाल सरंक्षण गृह: दो नहीं अब सात 7 लड़कियों के प्रेग्नेंट होने का रहस्य
आकाश नागर
उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्वरूप नगर बाल संरक्षण गृह पूरे देश में सुर्खियों में है। कल जब से यहां से नाबालिक लड़कियों के प्रेग्नेंट होने की तथा उन्हें कोरोना पाए जाने के साथ ही एड्स होने की खबर सामने आई है, तब से ही हड़कंप मचा हुआ है। कल सबसे पहले कहा गया कि दो लड़कियां प्रेग्नेंट पाई गई है। जिनकी उम्र 17 साल है। उसके बाद यह संख्या 2 से 5 पहुंच गई। फिलहाल 7 लड़कियों को जांच में प्रेग्नेंट पाया गया है। कहा यह जा रहा है कि अभी कई नाबालिग बच्चियों की जांच आनी बाकी है। हो सकता है अभी कई बच्चियो को प्रेग्नेंट पाया जाए ।
फिलहाल कोरोना काल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री महामारी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे थे। जिसके चलते उनकी तारीफ हो रही थी । लेकिन कल अचानक कानपुर के राजकीय बाल संरक्षण गृह की बच्चियों की रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रदेश सरकार चारों तरफ से घिर गई हैं। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने इस बात को लेकर सवाल खड़े किए हैं। तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रवक्ता ने अपनी पार्टी का बचाव किया है । जबकि प्रदेश का पूरा प्रशासनिक अमला इस मामले को मैनेज करने में जुट गया है। जिलाधिकारी से लेकर एसएसपी और कमिश्नर यहां तक कि महिला आयोग अब इस मामले में यह कहकर की बच्चियां पहले से ही प्रेग्नेंट थी सरकार को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
शुक्र है कि इस बाल संरक्षण गृह में बच्चियों में कोरोना पाए जाने की बात कह कर इनकी जांच करा दी गई थी। जिसमें यह मामला उजागर हुआ है। सोचने वाली बात यह है कि अगर कोरोना की जांच ना होती और बच्चियां कोविड-19 से ग्रसित ना पाई जाती तो शायद उनके प्रेग्नेंट होने और एड्स होने की जानकारी को दबा ही दिया गया होता। हालांकि, एक तरीके से कहा जाए तो अभी भी ऐसा ही कुछ किया जा रहा है।
यूपी सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब लड़कियां पहले से ही प्रेग्नेंट थी तो उनकी जानकारी को पहले से ही क्यों नहीं बताया गया था। याद रहे कि कल जब बच्चियों के प्रेग्नेंट होने की खबरें आई तो बाल संरक्षण गृह के अधिकारियों ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए थे कि उनके पास यह जानकारी नहीं है कि बच्चिया कहां से और कब आई थी।
इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। अपनी फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम का मामला पूरे देश के सामने हैं। एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के देवरिया में सामने आया था। इसलिए ऐसे और मामले का सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सबकुछ दबा दिया जाता है। लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में कई मानवीय घटनाएं हो रही हैं।
जबकि दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने कहा कि जिस तरह से कानपुर के राजकीय महिला संवासिनी गृह की घटना पर कांग्रेस पार्टी और विपक्ष ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई, वह योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश है। ऐसे समय में जब देश कोविड-19 जैसी महामारी से जूझ रहे हैं, तो हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। कांग्रेस और विपक्ष जिम्मेदारी से भागकर गंदी राजनीति करने में लगा है। प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गांधी के मन में योगी सरकार के प्रति नफरत का भाव है और इसीलिए वह ऐसी विघटनाकारी नीति पर कार्य कर रहे हैं। अब एक बार फिर कानपुर वाले मामले पर इन्होंने झूठ प्रचारित किया है।
इस मामले में मंडलायुक्त डॉ सुधीर एम बोबडे के निर्देश पर जिलाधिकारी डॉ ब्रह्म देव राम तिवारी ने बताया कि इस संरक्षण गृह में कुल 57 कोरोना पॉजिटिव संवासिनी पाई गई हैं। कुल संरक्षित बालिकाओं में 7 बालिकाएं गर्भवती पाई गईं , जिसमें 5 कोरोना पॉजिटिव हैं। शेष 2 निगेटिव पाई गई हैं। पांच पॉजिटिव संवासिनी जनपद आगरा, एटा, कन्नौज फिरोजाबाद व कानपुर के सी डब्ल्यू सी (बाल कल्याण समिति) ने भेजा था। सातों संवासिनी सेल्टर होम आने से पहले ही गर्भवती थीं।
साथ ही साथ जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा कानपुर संवासिनी गृह को लेकर गलत उद्देश्य से पूर्णतया असत्य सूचना फैलाई गई है। आपदाकाल में ऐसा कृत्य संवेदनहीनता का उदाहरण है। कृपया किसी भी भ्रामक सूचना को जांच बिना पोस्ट न करें। जिला प्रशासन इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई हेतु लगातार तथ्य एकत्र कर रहा है।
उधर, उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर कहती है कि हाल ही में कुछ लड़कियों को कानपुर के एक अस्पताल भेजा गया था और उनके साथ बालिका गृह के कुछ कर्मचारी भी गए थे, हो सकता है कि इसी दौरान किसी को संक्रमण लगा हो।उन्होंने कहा कि सभी लड़कियां एक साथ रहती हैं, इसलिए संक्रमण बाकी लड़कियों में भी फैल गया। सभी संक्रमित लड़कियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।