- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- कानपुर
- /
- कानपुर हिंसा: 45 मिनट...
कानपुर हिंसा: 45 मिनट तक हजारों की भीड़ के सामने रहे सात पुलिसकर्मी, जबकि जांबाज सिपाही ने जीप से ही उपद्रवियों को दौड़ाया
Kanpur Violence: कानपुर में जब चंद्रेश्वर हाते के बाहर बवाल हो रहा था तब वहां सिर्फ सात पुलिसकर्मी ही मौजूद थे, जिसमें से एक सीओ, पांच सिपाही व गनर था। पुलिसकर्मियों की संख्या बेहद कम थी। भारी पुलिस बल न होने के कारण बवाल बढ़ता गया, लेकिन पुलिस ने कुछ लोगों के साथ मिलकर भीड़ को नई सड़क से परेड की ओर आने से रोकने की पूरी कोशिश की।
यदि भीड़ परेड चौराहे तक पहुंच जाती तो और बड़ा बवाल हो सकता था। दरअसल, बेकनगंज पुलिस को भी इतने बड़े बवाल का अंदाजा नहीं था। जब सामने से हजारों की भीड़ आ रही थी तब वहां सात पुलिसकर्मी ही मौजूद थे।
घटना के समय सबसे पहले एसीपी अनवरगंज मोहम्मद अकमल खां मौके पर पहुंचे। उग्र भीड़ को देखते हुए वह बेकनगंज थाने की जीप के पीछे चार सिपाहियों के साथ दौड़ पड़े। उन्होंने उपद्रवियों से मोर्चा लिया और सिपाही के साथ मिलकर लाठीचार्ज शुरू किया, जिससे कि एक जगह इकट्ठा न हो पाए।
तब तक उन्होंने अधिकारियों को बैकअप भेजने का मैसेज भी कर दिया था। हालांकि फोर्स वीवीआईपी ड्यूटी में होने चलते 45 मिनट बाद पहुंची। तब तक कई चक्रों में पथराव व नारेबाजी हो चुकी थी।
बवाल के वक्त सद्भावना चौकी पर महज सात पुलिसकर्मी थे। भीड़ को पथराव करते हुए खुद की ओर बढ़ता देख बेकनगंज थाने में तैनात जीप चालक मुश्ताक खां जीप में अकेले बैठकर एनाउंसमेंट करते रहे। जब भीड़ नहीं मानी और पथराव तेज कर दिया तो उन्होंने जीप की गति बढ़ाकर उपद्रवियों को दौड़ा लिया।
उपद्रवी जीप से डर पथराव करते हुए पेंचबाग स्थित चमड़ा मंडी की ओर भाग निकले। जब मुश्ताक से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि भीड़ बहुत ज्यादा उग्र थी। उन्हें इससे बेहतर कुछ और समझ नहीं आया। उनके लिए लोगों को सुरक्षित करना प्राथमिकता है।
एसीपी अनवरगंज की सूचना पर पास में मौजूद फोर्स संग मौके पर पहुंचे एडीसीपी पूर्वी राहुल मिठास ने भी उपद्रवियों पर लाठी चार्ज करना शुरू किया, लेकिन भीड़ लगातार पुलिस टीम पर पथराव करती रही।
बवाल को लेकर बैक अप फोर्स के लिए कंट्रोल रूम को मैसेज मिलने के बाद एक के बाद एक अधिकारी नई सड़क पर फोर्स संग पहुंचने लगे। जब भीड़ ने दोपहर में दोबारा पथराव किया तब डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार मोर्चा संभाल चुके थे।
उन्होंने फोर्स को लीड किया और जवाबी कार्रवाई शुरू कराई। इसबीच ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी भी पीएसी, आरआरएफ और पुलिस फोर्स संग वहां पहुंचे।
उन्होंने पूरे ऑपरेशन की कमान अपने हाथों में ले ली। चमड़ा मंडी में फोर्स के साथ घुसे ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर उपद्रवियों को खदेड़ते हुए पेंचबाग , दादा मियां चौराहा तक पहुंच गए। उनके पीछे अलग-अलग टुकडियों में चार बार में फोर्स ने उसी रूट को पार करते हुए सामान्य स्थितियां बनाई।