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- 17 महीनों तक घर मे शव...
17 महीनों तक घर मे शव रखने वाली पत्नी का छलका दर्द जानिए विमलेश की पत्नी की दर्द भरी कहानी ...
'मुझे पता था कि उनकी सांसें साथ छोड़ गईं। मैं सुहागन नहीं रही लेकिन क्या करती...उनकी मां के लिए वो जिंदा थे। पापा को उनके सीने में धड़कन महसूस हो रही थी। उनके इस भरोसे ने मुझे मजबूर कर दिया। क्या कहती...कि उनका बेटा मर चुका है? अब क्या जांच करेंगे आप? मैं तो महीनों तक उस सुहाग के नाम का सिंदूर लगाती रही, जो गुजर चुका था। सोचिए मांग भरते हुए मैं कितने बार मरी होऊंगी?
मेरे हालात ने मुझे जी भरकर रोने भी न दिया। बच्चे कहते थे-पापा को उठाओ मां... मैं अंदर जाकर रो लेती थी। मेरी इस बदनसीबी की जांच करनी है तो कर लीजिए... उन्हें जिंदा समझकर हमने क्या गुनाह कर डाला...?' 17 महीने तक लाश को घर में रखने के मामले में पुलिस अफसर जांच करने बर्रा पहुंचे तो कोऑपरेटिव बैंक की मैनेजर और विमलेश की पत्नी मिताली दीक्षित का यह दर्द दस्तावेजों पर दर्ज किया गया। मिताली ने सात साल पहले विमलेश से प्रेम विवाह किया था। दो बच्चे हुए और खुशहाल जिंदगी चल रही थी। अप्रैल 2021 में कोरोना की दूसरी लहर ने मिताली की जिंदगी पर ऐसा तूफान बरपाया कि उसकी दूसरी मिसाल नहीं है।
जिसने जिंदगी भर ख्याल रखने का वादा कर सात फेरे लिए थे, उसी की लाश की देखरेख करनी पड़ी। एक-दो दिन नहीं 17 महीने तक। पुलिस अफसरों ने मिताली का जो बयान दर्ज किया है, उसमें बेइंतहा दर्द छिपा है। उसने कहा है- विमलेश की मां को उनका बेटा जिंदा लग रहा था, पिता और भाई भी मां की आंखों से से उन्हें देख रहे थे, बताइए मैं क्या करती? क्या बेटे को जिंदा समझने वाली मां के आगे अपनी चूड़ियां फोड़ लेती? सिंदूर पोछ लेती?...मेरे लिए तो इन 17 महीनों में सिंदूर सजा बन गया था। मैं दुनिया से विमलेश की मौत का सच छिपाए रही... पर क्यों?
क्या कोई लालच था? उनके ऑफिस में पूछ लीजिए हमने उनकी तनखाह, मेडिकल या किसी तरह का कोई क्लेम किया है क्या? अब तक की जांच में साफ हो चुका है कि इस परिवार ने ऐसा कोई क्लेम नहीं किया। इससे यह भी साफ हो गया है कि पूरी दुनिया में फैल चुकी विमलेश की कहानी का एक हिस्सा मिताली के उन आंसुओं से लिखा गया है, जो कभी पलकों से नीचे छलके ही नहीं थे।
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि मिताली समेत पूरे परिवार का बयान दर्ज होने के बाद बाकी तथ्यों की जांच की जा रही है। इस परिवार द्वारा विमलेश के ऑफिस से किसी तरह का लाभ लेने की तस्दीक अब तक नहीं हुई है।