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MBBS की छात्रा ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में दर्द को किया बयां
कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज की एमबीबीएस छात्रा अमृता सिंह ने बैराज से गंगा में कूद कर खुदकुशी कर के जान दे है और अपने साढ़े चार पेज के सुसाइड नोट छोड गई जिसकों पढ़कर सब हैरान हो गये उसमें लिखा है- मुझे माफ करना मैं बहुत कमजोर हो गई हूं। पता नहीं कैसे लेकिन मुझे अपने डर से ही डर लगने लगा है। मेरे पास सबकुछ है दर्द, डर और तनाव। अब इस दर्द को रोज-रोज बर्दाश्त नहीं कर सकती हूं। आखिर में, मैं सभी से माफी मांगती हूं। मैं बहादुर नहीं बन सकी।
अमृता ने लिखा है कि मुझे नहीं पता कि सबकुछ तैयार होने के बाद जब परीक्षाएं आती हैं तो मैं क्यों डर जाती हूं। इस वजह से पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता है। मेरी दोस्त अनुषी कहती है कि तुम कुछ ज्यादा ही सोचती हो। आराम से रहो सबकुछ ठीक होगा और तुम सफल होगी। फिर भी मेरे हाथ में कुछ भी नहीं है।
नोट में अमृता ने आगे लिखा है कि वह रोना चाहती है मर जाना चाहती है। मैं मम्मी-पापा से माफी मांगती हूं। मैंने बहुत कोशिश की लेकिन शायद इससे ज्यादा नहीं कर पाऊंगी। आपकी बेटी बहुत कमजोर पड़ गई है। आई लव यू मम्मी-पापा। हर चीज के लिए धन्यवाद।
तीन बार पहले भी खुदकुशी करने की सोची थी
अमृता ने स्कूल के दौर में भी तीन बार खुदकुशी करने की की सोची थी। पर, उस वक्त उसकी हिम्मत नहीं पड़ी थी। इस बात का जिक्र सुसाइड नोट में किया है। तब अमृता ने इस बारे में परिजनों या अन्य किसी को भी नहीं बताया था।
इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार पांडेय ने बताया कि सुसाइड नोट में अमृता ने लिखा है कि जब वह सातवीं कक्षा में थी तो जीके की मौखिक परीक्षा हुई। इस दौरान वह खुद को बहुत डरा व तनाव में महसूस कर रही थी। उसने खुदकुशी करने की सोची थी। फिर जब वह दसवीं कक्षा में पहुंची तो सोशल साइंस विषय की तैयारी बेहतर नहीं थी।
इस दौरान वह एक शिक्षक ने उसको पढ़ाई में काफी मदद की। जिससे उसकी परीक्षा बेहतर हुई। जिसके बाद उसने खुदकुशी नहीं की। 12वीं कक्षा की बारी आई तो अमृता को लग रहा था कि उसका फिजिक्स विषय तैयार नहीं है। अगर वह उसमें फेल हो जाएगी तो खुदकुशी कर लेगी। मगर जब परिणाम आया तो वह पास हो गई थी। इसलिए उसने खुदकुशी नहीं की।
एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि जब भी अमृता परेशान रहती थी तो उसकी रूम पार्टनर उसको समझाने का प्रयास करती थी। वह कुछ देर तक ठीक रहती थी लेकिन बाद में वह फिर तनाव में आ जाती थी।
अमृता ने मम्मी पापा के लिए सुसाइड नोट में लिखा है कि किस्मत अभी भी नहीं है, पर किस्मत रहने भी नहीं देती है। अगला जनम होगा भी या नहीं। अगले जनम में आप जैसे माता-पिता व परिवार मिलेगा भी या नहीं।
बतादें कि अमृता सिंह ने गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे अपनी मां श्याम सुंदरी से फोन पर बात की थी। तब अमृता बिल्कुल सामान्य थी। उसने मां से कहा था कि वह कुछ सामान खरीदने के लिए बाजार जा रही है।