कानपुर

अपनी सेहत का ध्यान रखो...मंच पर बोलते-बोलते वैज्ञानिक समीर खांडेकर को आया हार्ट अटैक, चली गई जान!

Arun Mishra
23 Dec 2023 1:48 PM IST
अपनी सेहत का ध्यान रखो...मंच पर बोलते-बोलते वैज्ञानिक समीर खांडेकर को आया हार्ट अटैक, चली गई जान!
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जानकारी के मुताबिक उन्हें मंच पर ही हार्टअटैक आया और वह गिर गए. उनके गिरते ही हड़कंप मच गया.

Sameer Khandekhar Death : उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर में आईआईटी कैंपस में एल्युमिनाई मीट को संबोधित करते समय वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. समीर खांडेकर का निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक उन्हें मंच पर ही हार्टअटैक आया और वह गिर गए. उनके गिरते ही हड़कंप मच गया. आनन-फानन में कॉर्डियोलाजी हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.प्रो.समीर प्रोफेसर होने के साथ डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर के पद पर भी कार्यरत थे.

अपनी सेहत का ध्यान रखो...प्रो. खांडेकर ऐसा बोल रहे थे वहां बैठे लोगों को लगा कि वह भावुक हुए हैं। इसलिए बैठ गए। जब थोड़ी देर तक वह नहीं उठे तो लोगों ने भागकर उनको उठाया। आनन-फानन में हैलट के कॉर्डियोलाजी ले जाया गया। वहां जहां के बाद डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।

प्रो. समीर खांडेकर के बेटे प्रवाह अभी कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे हैं। उनके लौटने पर ही प्रो. समीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अभी उनका शव संस्थान के हेल्थ सेंटर में रखा गया है। वह आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र भी थे। प्रो. खांडेकर के नाम पर आठ पेटेंट भी हैं।

प्रो. खांडेकर का जन्म 10 नवंबर 1971 को जबलपुर में हुआ था। उन्होंने सन् 2000 में आईआईटी कानपुर से बीटेक और जर्मनी से 2004 में पीएचडी किया था। इसके बाद 2004 में आईआईटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर ज्वाइन किया। 2009 में एसोसिएट प्रोफेसर, 2014 से प्रोफेसर, 2020 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष बने। 2023 में उनको डीन ऑफ स्टूडेंट अफेयर पद की जिम्मेदारी मिली। प्रो. खांडेकर सामाजिक कार्यक्रमों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते थे। वह प्रो. एचसी वर्मा की ओर से चलाए जा रहे शिक्षा सोपान आश्रम से भी जुड़े रहे हैं।

2004 में उन्होंने आईटी कानपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में ज्वाइन किया जिसके बाद वह एसोसिएट प्रोफेसर फिर मैकेनिकल डिपार्टमेंट के विभाग अध्यक्ष और फिर स्टूडेंट वेलफेयर डीन बने. उनके नाम पर 8 पेटेंट भी है. जानकारी के मुताबिक 2019 में प्रोफेसर को कोलेस्ट्रॉल की बीमारी हुई थी जिसके बाद उनकी लगातार दवाई चल रही थी. फिलहाल प्रोफेसर की मौत से पूरा आईआईटी कानपुर मैनेजमेंट स्तब्ध है.

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