कानपुर

आयकर अधिकारी के लाश के साथ रह रहे थे परिजन डेढ़ साल, विभाग के लोग आए देखने तो हैरान रह गए क्यों नहीं हुआ अंतिम संस्कार ?

Shiv Kumar Mishra
24 Sep 2022 6:31 AM GMT
आयकर अधिकारी के लाश के साथ रह रहे थे परिजन डेढ़ साल, विभाग के लोग आए देखने तो हैरान रह गए क्यों नहीं हुआ अंतिम संस्कार ?
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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 22 अप्रैल 2021 को तबीयत बिगड़ने पर मोती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।” इलाज के दौरान जून 2021 में उनकी मौत हो गई थी।

कानपुर में एक परिवार डेढ़ साल से आयकर अधिकारी विमलेश सोनकर की लाश के साथ रह रहा था। मामले की जानकारी शुक्रवार को हुई, जब विभाग के कर्मचारी उनके घर पहुंचे। जबकि उनके परिवार के लोग उन्हे कोमा में बताते रहे। वहीं डॉ का कहना है कि उनकी मौत हो चुकी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगा कि उनकी मौत कब हो गई है।

विमलेश के पिता राम अवतार ने बताया- धड़कन चल रही थी, तभी हम रखे हुए थे। डॉक्टर से जांच करवाया था, उन्होंने भी जिंदा होने की बात कही। राम अवतार ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से सेवानिवृत्त हैं। भाई दिनेश ने बताया- हमने शरीर में कोई भी लेप नहीं लगाया था। जब मरे थे, हम लोग शवयात्रा की तैयारी कर रहे थे। तभी धड़कन चलने पर उनका अंतिम संस्कार रोक दिया। उनके शरीर से भी कोई बदबू नहीं आ रही थी।

मामला रोशननगर के कृष्णापुरम् का है। यहां विमलेश सोनकर अपनी पत्नी मिताली के साथ रहते थे। मिताली को-ऑपरेटिव बैंक में जॉब करती हैं। विमलेश सोनकर अहमदाबाद इनकम टैक्स में AO के पद पर कार्यरत थे। पड़ोसियों ने बताया, " कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 22 अप्रैल 2021 को तबीयत बिगड़ने पर मोती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।" इलाज के दौरान जून 2021 में उनकी मौत हो गई थी। जिसका डेथ सर्टिफिकेट भी उनके परिजन को दिया गया था। घर आने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान अचानक मृतक की दिल की धड़कन आने की बात कहकर घर वालों ने अंतिम संस्कार टाल दिया गया था।

जब लोगों ने आगे आईटी अधिकारी के स्वास्थ्य के बारे में पूछा तो परिजन लोगों से बताते रहे कि विमलेश कोमा में हैं, लेकिन एक दिन पहले जब आयकर विभाग द्वारा जांच के लिए कानपुर के CMO कार्यालय को एक पत्र भेजा गया, तो शुक्रवार को पूरे मामले का खुलासा हो गया है। आस-पास के लोगों को जैसे ही ये जानकारी हुई, तो वे यह जानकर हैरान रह गए। इसके बाद जब आजमगढ़ थानाध्यक्ष को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम आईटी अधिकारी के घर पहुंची। तो परिवार ने उसे शव मानने से इनकार कर दिया और लगातार यह कहता रहा कि वह अब भी जिंदा हैं।

मृतक के पिता ने कहा, 'अप्रैल 2021 में बेटा बीमार था, इसलिए हम उसे अस्पताल ले गए। वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मगर, जब हम उसे घर ले आए, तो हमने देखा कि उसकी नब्ज चल रही थी। उसकी दिल की धड़कन भी थी, इसलिए हमने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया।'

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