कानपुर

जिला कानपुर के एसपी ने सल्फास खाने से पहले गूगल पर खोजा था खुदकशी का तरीका

Special Coverage News
7 Sep 2018 9:45 AM GMT
जिला कानपुर के एसपी ने सल्फास खाने से पहले गूगल पर खोजा था खुदकशी का तरीका
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एसपी पूर्वी आत्महत्या के लिए गूगल पर तरीके खोज रहे थे। पांच तरीके ढूंढने के बाद उन्होंने दो को चुना। इसका राजफाश उनके घर से मिले पत्र से हुआ। एसएसपी अनंतदेव तिवारी ने बताया कि सुसाइड नोट के मजमून से साफ है कि वह कई दिनों से सुसाइड का प्लान बना रहे थे। इसमें घर में होने वाले छोटे-छोटे विवाद और खुद को सही साबित करने को लेकर पति-पत्नी में होड़ आत्महत्या की कोशिश की वजह बनी। अपने पत्र में उन्होंने मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।


आईपीएस अधिकारी सुरेंद्र दास को अब तक दो यूनिट ब्लड और प्लाजमा दिया जा चुका है। लेकिन उनके अंग ने अभी काम करना शुरू नहीं किया है। यह जानकारी अस्पताल के सीएमएस ने दी।

उन्होंने लिखा कि गूगल के माध्यम से मौत का आसान तरीका खोजने के बाद यह रास्ता चुना। इसके लिए उन्होंने सुसाइड के तरीके का ब्योरा पढऩे के साथ यू-ट्यूब पर भी देखा। हाथ की नस काटने के लिए पहले फालोवर से ब्लेड मंगवाया, लेकिन दर्द भरा तरीका होने पर चूहा मारने के नाम पर एक सितंबर को सल्फास मंगवाई, इसके बाद उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया। घरेलू कलह के चलते बुधवार को सल्फास खाने वाले कानपुर के एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास की हालत नाजुक बनी हुई है।


मुंबई से आए डॉ. प्रणव ओझा व डॉ. वेंकटेश गोयल की टीम ने एक्मो मशीन को वेंटीलेटर से जोड़कर बुधवार देर रात इलाज शुरू कर दिया, लेकिन स्थित जस की तस है। अगले 72 घंटे उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।रीजेंसी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश अग्रवाल ने बताया कि एक्मो मशीन से ऑर्गन डैमेज रोकने की कोशिश की जा रही। इससे हार्ट और लंग्स को सपोर्ट दिया जाता है ताकि इन पर ज्यादा प्रेशर न पड़े और डैमेज कंट्रोल को रोका जा सके। उनकी हालत में सुधार की बात छह से सात दिन बाद ही परीक्षण के बाद बताई जा सकेगी। मुंबई से विशेष विमान से टीम के साथ आए डॉ. झा ने गुरुवार तड़के चार बजे दास के शरीर से विषाक्त रक्त को निकाला। इस दौरान उन्हें तीन यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया। इसके साथ गुर्दे की डायलिसिस भी की जा रही है। दूसरी तरफ उनकी जीवन रक्षा को लेकर दुआओं का दौर शुरू है।



बताते चलें कि नगर में एसपी पूर्वी पद पर तैनात 2014 बैच के आइपीएस सुरेंद्र दास ने बुधवार तड़के सरकारी आवास में सल्फास खा लिया था। तबियत बिगडऩे पर पत्नी डॉ.रवीना ने अधिकारियों को सूचना देकर स्टाफ व कैंट पुलिस की मदद से उर्सला अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां से अधिकारियों के कहने पर उन्हें रीजेंसी अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया। आइपीएस सुरेंद्र दास बलिया के मूल निवासी है और परिवार कर्ली पश्चिम मस्जिद वाली गली, लखनऊ में रहता है। उनकी पत्नी डॉ. रवीना ने जीएसवीएम कालेज से एमडी किया है।पुलिस की पूछताछ व जांच में सामने आया है कि उन्होंने दस-दस ग्राम के दो व पांच ग्राम के एक पाउच से सल्फास पाउडर फांक लिया। इसके बाद उन्होंने पत्नी को अपने द्वारा लिखा पत्र थमा दिया। इसमें उन्होंने पूरे घटनाक्रम के जिक्र के साथ ही खुद को जिम्मेदार ठहराया था। एसएसपी के मुताबिक डॉक्टरों ने बताया कि सिर्फ 25 मिलीग्राम सल्फास ही आदमी के शरीर के अंग फेल कर देती है, इसलिए 72 घंटे से पहले कुछ कह पाना मुमकिन नहीं है।.



डियर रवीना आइ एम नॉट लायर जो रिकॉर्डिग किया था वह आपकी मां को ही भेजने के लिए किया था, फिर बाद में लगा कि नहीं भेजना चाहिए। कुछ हाइड करना (छिपाना) होता तो मोबाइल ऐसे कभी नहीं छोड़ता। मैं साइलेंट (चुप) इसलिए था क्योंकि मुङो सुसाइडल थॉट्स (आत्मघाती विचार) आ रहे है। आइ रियली लव यू। तुम फालोवर विजय व चंद्रभान से पूछ सकती हो। मैंने उनसे सल्फास चूहे मारने के नाम पर लाने के लिए बोला। कुछ दिन पहले ब्लेड लाने के लिए भी बोला था। आइ एम नॉट प्लानिंग अगेंस्ट यू। आई डिड गूगल सर्च टू, नाउ कमिट सुसाइड। जिसे .. से भी पूछ सकती हो। उसे भी मेरी इस प्लानिंग (सुसाइड) को लेकर संदेह था। आइ लव यू, सॉरी फार एवरीथिंग..सुरेंद्र।।


यह आइपीएस सुरेंद्र दास का पत्र उनकी मनोदशा को दर्शा रहा है कि वह दांपत्य जीवन बचाने व पत्नी को खुद पर भरोसा दिलाने के लिए हर कोशिश में जुटे थे। दोनों के बीच आया तनाव और शादी के बाद पारिवारिक लोगों की भूमिका कैसे उन्हें सबसे दूर ले जा रही थी कि खुद को सही साबित करने के लिए आत्महत्या जैसी सोच उनके मन में घर करती जा रही थी। जिसे उनके अभिन्न मित्र उनकी बातों से समझने लगे थे। जिसको उन्होंने अपने पत्र में गवाह बनाया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह सब कारण उनके विवाद की वजह बनते गए और पारिवारिक पंचायतें निष्कर्ष तक पहुंचने की जगह उन्हें खुदकशी के प्रयास की ओर ले गईं।



आइपीएस सुरेंद्र दास व उनकी पत्नी डॉ.रवीना में छोटी-छोटी बातों पर विवाद उनके बीच दूरी का कारण बन रहा था। उनके पत्र में भी साफ है कि उनके रहनसहन से लेकर खाने-पीने की अलग-अलग पसंद भी मेल न खाने की वजह थी। श्री दास शाकाहारी हैं वहीं डॉ. रवीना मांसाहारी। इसको लेकर भी दोनों में आएदिन मन-मुटाव होता था। जन्माष्टमी के दिन पहले भगवान के कपड़े लाने को लेकर विवाद हुआ और बाद में उस दिन पत्नी के नॉनवेज बर्गर खाने को लेकर शुरू हुए झगड़े ने मंगलवार (घटना वाली रात) को बड़ा रूप ले लिया। इसके बाद पुरानी बातों को लेकर विवाद बढ़ता चला गया।जीवन रक्षक निधि से होगा इलाज: आइपीएस दास के इलाज में काफी खर्च को देखते हुए आइपीएस एसोसिएशन अपनी तरफ से हर संभव मदद कर रही है। डीजीपी खुद एसएसपी से लगातार संपर्क में हैं। एसएसपी ने सुरेंद्र दास की बैच मेट चारू निगम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। जो उनके इलाज की व्यवस्था पर नजर बनाए हैं। उन्होंने उनके साथ गोरखपुर में काम भी किया है। श्री दास का इलाज जीवनरक्षा निधि से कराया जा रहा है। जिसके तहत इलाज के खर्च का 70 फीसद हिस्सा इस निधि से पीड़ित को मिलता है।

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