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कासगंज: शहीद सिपाही देवेंद्र की 4 साल पहले हुई थी शादी, 1 माह पहले बने थे पिता
कासगंज : यूपी के जनपद कासगंज में हुए हादसे ने कानपूर के बिकरू कांड की यादें ताजा कर दी. शराब माफिया के यहाँ दबिश देने गयी पुलिस पर हमले में एक सिपाही शहीद हो गया वहीँ एक दारोगा की हालत गंभीर है. जनपद कसगंज के थाना सिढ़पुर के धीमर नगला गाँव में हिस्ट्रीशीटर को नोटिस थमाने गई पुलिस पार्टी पर हमला बोल दिया, जिसमें एक सिपाही देवेंद्र कुमार की घटना स्थल पर मौत हो गई जबकि दरोगा अशोक कुमार की हालत गंभीर बनी हुई है. चूँकि यह घटना देर रात की है लिहाजा पुलिस इस मामले के आरोपियों को तलाशने में जुटी हुई थी उसी दौरान पुलिस की आरोपी एल्गार से मुठभेड़ हो गई. एलगर ने भी पुलिस पार्टी पर फायरिंग की जबाब में की गई फायरिंग में एल्गार मारा गया . एलगार हिस्ट्रीशीटर मोती का बड़ा भाई है जो इस घटना में शामिल था.
शहीद देवेंद्र सिंह आगरा के नगला बिंदु गांव के रहने वाले थे. मौत की सूचना पर परिवार के साथ ही गांव में कोहराम मचा हुआ है. किसी को यकीन नहीं हो रहा कि स्वाभाव से मिलनसार देवेंद्र अब इस दुनिया में नहीं हैं.
शहीद सिपाही देवेंद्र ने 2015 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद पर जॉइनिंग की थी. उनकी शादी 2017 में ब्लॉक शमशाबाद क्षेत्र के नगला में हुई थी. देवेंद्र के दो बेटी हैं. बड़ी बेटी का नाम वैष्णवी (3) और छोटी बेटी का नाम गुड़िया (1) माह है. देवेंद्र के दोस्त कहते हैं कि परिवार में वे ही एक कमाने वाले थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की मुआवजे की घोषणा
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासगंज की घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतक सिपाही के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. आरोपियों पर एनएएसए की करवाए के भी निर्देश दिए हैं.
मुख्य आरोपी का भाई मुठभेड़ ढेर
कासगंज की इस घटना ने कानपुर के बिकरू कांड की याद ताजा कर दी, जिसमें आठ सिपाहियों की निर्मम हत्या की गई थी. पुलिस टीम पर हमले और सिपाही की हत्या से बौखलाई पुलिस ने बुधवार तड़के मुख्य आरोपी मोती के भाई एलकार सिंह को एनकाउंटर में मार गिराया। पुलिस के मुताबिक एलकार शातिर बदमाश था और वह जेल भी जा चुका था.