कौशाम्बी

4 वर्ष बाद भी डॉक्टर के हत्यारों तक नहीं पहुंच सके पुलिस के हाथ

4 वर्ष बाद भी डॉक्टर के हत्यारों तक नहीं पहुंच सके पुलिस के हाथ
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बार-बार बदले गए कोखराज थानेदार हत्याकांड का खुलासा करने में रत्ती भर आगे नहीं बढ़ सकी पुलिस।

कौशांबी गंभीर अपराधों के खुलासे में पुलिस निष्क्रिय साबित हो रही है तमाम हत्या के मामलों के खुलासे की फाइल पुलिस ने पेंडिंग फाइल लिखकर बंद कर दिया है नए थानेदारों को पुरानी घटनाओं के बारे में जानकारी भी नहीं है जिससे अपराधी अपराध करने के बाद मौज कर रहे हैं जिले में अपराधों के खुलासे में पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है कई कई वर्ष बीत जाने के बाद भी हत्या जैसे तमाम गंभीर मामलों का खुलासा पुलिस नहीं कर पा रही है घटनाओं के खुलासे में फिसड्डी पुलिस तमाम गंभीर घटनाओं के खुलासे की पत्रावली पेंडिंग पत्रावली डालकर बंद कर देती है

कोखराज थाना क्षेत्र के बालक मऊ गांव में 18 अगस्त 2017 की रात गांव के बीचो बीच चिकित्सक को फावड़ा मारकर बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।इस हत्याकांड को चार वर्ष से अधिक व्यतीत हो जाने के बाद हत्यारों के गिरहबान तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच सके है डॉक्टर की हत्या अवैध संबंधों के चलते की गई थी घटना के बाद से अब तक जिले में कई पुलिस कप्तान बदले जा चुके हैं कई क्षेत्राधिकारी दर्जन भर थानेदार और चौकी इंचार्ज भी बदले जा चुके हैं लेकिन चिकित्सक हत्याकांड का खुलासा शून्य ही रहा।

घटनाक्रम के मुताबिक कोखराज थाना क्षेत्र के बजहा गांव निवासी चिकित्सक महेंद्र कुमार पासी इसी थाना क्षेत्र के बालक मऊ गांव में क्लीनिक खोल रखे थे मरीजों की भीड़ बढ़ जाने पर वह रात क्लीनिक पर ही रुक जाया करते थे 18 अगस्त 2017 की रात वह क्लीनिक के बाहर गांव की गली में चारपाई डालकर सैकड़ो लोगो के बीच सो रहे थे गर्मी अधिक होने के चलते गांव के लोग उनके आसपास चारपाई डालकर रात में सो रहे थे आधी रात को हमलावरों ने नीद में सो रहे ग्रामीणों को भीड़ के बीच चिकित्सक को फावड़ा मार कर बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया हत्या के वक्त चिकित्सक के चीख की आवाज सुनकर दर्जनों ग्रामीण नींद से जाग गए इतनी बेरहमी से चिकित्सक का कत्ल किया गया था कि सर से खून का फव्वारा छूट कर दस फीट ऊपर छत के उल्टे साइड में खून के छीटे पड़े थे ।

चिकित्सक की हत्या के बाद मामले की सूचना ग्रामीणों ने कोखराज पुलिस को दिया तत्कालीन सिधिया चौकी इंचार्ज ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया था कि वह चिकित्सक के हत्यारों तक पहुंच गए हैं। हत्याकांड के खुलासे के नाम पर एक एक कर दर्जनों लोगों को पुलिस बार बार पकड़ कर थाने लाई पकड़े गए लोगों से कई कई दिनों तक थाना पुलिस पूछताछ करती रही पूछताछ में पुलिस के हाथ कुछ क्लू भी मिले लेकिन और साक्ष्य एकत्रित करने की बात कह कर पकड़े गए लोगों को पुलिस बराबर छोड़ती रही। चिकित्सक हत्या कांड में एक व्यक्ति को कई बार पूछताछ के लिए पुलिस ने थाने बुलाया लेकिन इस हत्याकांड का पर्दाफाश पुलिस नहीं कर सकी इस बीच धीरे-धीरे दर्जन भर कोतवाल और चौकी इंचार्ज बदल गए चिकित्सक हत्याकांड के खुलासे का मामला पुलिस ने ठंडे बस्ते डाल दिया है हत्याकांड के खुलासे में पुलिस की करतूत लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी है।

अभिषेक श्रीवास्तव

अभिषेक श्रीवास्तव

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