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ग्यारहवीं के छात्र की सुसाइड नोट से बहुत कुछ साफ, उसकी मौत जिम्मेदार कौन, प्रताड़ित करने के आरोपी विजय को नही भेजा गया जेल
कौशाम्बी चरवा थाना क्षेत्र के चरवा कस्बे के उत्तर थोक चरक मुनि नगर के रहने वाले छात्र सिद्धार्थ पाण्डेय पुत्र शारदा प्रसाद पाण्डेय के 25 अक्टूबर को आत्महत्या करने के बाद तमाम सवाल छूट गए हैं इन सवालों का जवाब तीन दिन बीत जाने के बाद अभी तक नहीं मिल सका है आखिर स्कूल के छात्र ने आत्महत्या के पूर्व विजय नाम के किस शख्स को प्रताड़ना करने का दोषी ठहराया है छात्र के आत्महत्या के पूर्व में लिखे गए सुसाइड नोट में किस व्यक्ति का मोबाइल नंबर अंकित किया गया है हालांकि पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है छात्र ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि मम्मी हमका माफ करना इतनी बेइज्जती बर्दास्त नहीं कर सकता हूं हो सके तो विजय से हमको न्याय दिला देना छात्र किस बेज्जती की बात कर रहा है उसके साथ ऐसा कौन सा कृत्य हुआ है जिसकी वजह से उसने इतनी अधिक बेइज्जती महसूस की कि उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा।
ग्यारहवीं के छात्र की सुसाइड नोट ने बहुत कुछ साफ कर दिया है कि उसकी मौत का जिम्मेदार कौन है। मृतक छात्र के सुसाइड नोट को पढ़ कर हर कोई स्तब्ध है। मरने के पूर्व में छात्र को किसने बंद कमरे में बुलाया था और घंटों कमरे के अंदर छात्र को कौन सी प्रताड़ना दी गयी है जिससे उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा मौत को गले लगाने से पहले मृतक छात्र ने मम्मी और बैबल क्षमा मांगते हुए किसी विजय नाम के शख्स के बारे में भी लिखा है कि उसको विजय से काफी भय है। वह इतनी बेइज्जती बर्दास्त नहीं कर सकता है। इसलिए वह मौत को गले लगा रहा है।
छात्र द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट के मुताबिक उसने लिखा है कि हो सके तो विजय से उसको न्याय दिलाना लेकिन घटना को 3 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक विजय नामक शख्स को जेल नही भेजा गया है सिद्धार्थ की मौत के दोषी विजय को पकड़कर उससे गुनाह कबूल करवाने का प्रयास पुलिस महकमे ने नहीं किया है पुलिस सूत्रों की माने तो थाने के आसपास ही आरोपी विजय मौजूद है यदि सूत्रों की माने तो छात्र को जिस तरह से विजय ने प्रताड़ना दी है उसकी सभ्य समाज में कल्पना नहीं की जा सकती कि विजय नामक यह व्यक्ति इस हद तक गिर जाएगा जिससे छात्रों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़े और समाज विजय के कृत्य की कटु निंदा करने लगे
छात्र सिद्धार्थ के सुसाइड नोट में मोबाइल नंबर 8737 88 6587 अंकित किया गया है यह मोबाइल नंबर सिद्धार्थ के आत्महत्या के बाद से स्विच ऑफ जा रहा है लेकिन जब मोबाइल नंबर को डायल किया जाता है तो कॉलर टीयून में किसी विजय साहू नाम का जिक्र आता है और विजय साहू नाम का एक सिपाही चरवा थाने में तैनात है लेकिन अभी तक चरवा थाने के सिपाही के कारनामों की जांच चरवा पुलिस नहीं कर सकी है सब कुछ स्पष्ट होने के बाद आखिर छात्र सिद्धार्थ को प्रताड़ित करने के दोषी विजय पर कार्यवाही करने में चरवा पुलिस क्यों हीला हवाली कर रही हैं आखिर इस मामले में चरवा थानेदार का मामले को लटकाने के पीछे क्या मंशा है यह एक बड़ी जांच का विषय है।