कौशाम्बी

कुर्की भी हो गई लेकिन नहीं गिरफ्तार हुए सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी

Shiv Kumar Mishra
8 Dec 2022 12:20 PM GMT
कुर्की भी हो गई लेकिन नहीं गिरफ्तार हुए सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी
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सामूहिक दुष्कर्म की वारदात के बाद पुलिस से न्याय न मिलने पर पीड़िता के पिता ने खटखटाया अदालत का दरवाजा

अंजनी कुमार पांडेय

कौशाम्बी ब्युरो। महेवा घाट थाना क्षेत्र के लौगावा गांव की एक नाबालिग बालिका के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना में पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है थाना पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अभिलेखों में नहीं दर्ज किया पीड़िता के पिता अधिकारियों की चौखट पर न्याय की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस की चौखट से उन्हें न्याय नहीं मिला सामूहिक दुष्कर्म की घटना में थाना पुलिस लगातार आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही थी।

बालिका के परिजनों ने अदालत में परिवाद दाखिल कर घटना का बयान दर्ज कराया उसके बाद अदालत में गवाहों का भी बयान दर्ज हुआ जिस पर आरोपियों को जरिए समन अदालत ने तलब किया लेकिन सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी अदालत में हाजिर नहीं हुए फिर अदालत की कार्यवाही के दौरान आरोपियों के विरुद्ध कई बार जमानती वारंट और फिर कई बार गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया लेकिन उसके बाद भी अभियुक्तों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी अभियुक्तों को हाजिर होने के लिए अदालत ने धारा 82 के तहत पुलिस को मुनादी करने का भी निर्देश दिया लेकिन अभियुक्त अदालत में हाजिर नहीं हुए अदालत ने अभियुक्तों के विरुद्ध कुर्की करने का आदेश थाना पुलिस को दिया।

पुलिस ने अभियुक्तों के घर कुर्की की कार्यवाही कर दी हालांकि कुर्की के पहले ही अभियुक्तों को भनक लग गई और पुलिस की कुर्की के पहले परिजनों ने घर से सामान हटा दिया पुलिस द्वारा घर से कुछ सामान कुर्क किया गया जो कुर्की महज औपचारिकता बनकर रह गई उसके बाद भी अभियुक्तों को पुलिस नहीं खोज सकी हैं पुलिस को चकमा देकर सामूहिक दुष्कर्म के अभियुक्त फरार बताए जाते हैं।

पीड़ित बालिका के पिता ने पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों की गिरफ्तारी पर इनाम घोषित करने की मांग की है। अदालत के आदेश पर सामूहिक दुष्कर्म की घटना प्रकाश में आने के बाद तत्कालीन थानेदार की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं आखिर उन्होंने इतने गंभीर अपराध को क्यों नहीं दर्ज किया है। तत्कालीन थानेदार के कारनामे पर यदि आलाधिकारियों ने जांच कराई तो तत्कालीन थानेदार पर कठोर कार्यवाही भी तय है।

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