कौशाम्बी

सवर्ण होना बना गुनाह, गरीब को नहीं मिला सरकारी आवास, बरसात में गिरा घर

Shiv Kumar Mishra
16 July 2023 5:40 PM IST
सवर्ण होना बना गुनाह, गरीब को नहीं मिला सरकारी आवास, बरसात में गिरा घर
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रहने के लिए दूसरा घर नहीं है खाने के लिए आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है किसी तरह एक टाइम भरते हैं पेट

कौशाम्बी गरीबों के नाम पर अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों को दनादन प्रधानमंत्री आवास और मुख्यमंत्री आवास स्वीकृत किए जा रहे हैं लेकिन सवर्ण बिरादरी के होने के नाते मंझनपुर के नेहरू नगर रामलीला मैदान में रहने वाले बेहद गरीब होरीलाल केशरवानी बाबा जी को 10 वर्षों से मांग के बाद भी एक प्रधानमंत्री आवास नहीं स्वीकृत हो सका है।

-खंडहर नुमा घर में होरी लाल अपनी जिंदगी के दिन गुजार रहे थे लेकिन इसी बीच बारिश के चलते होरी लाल का घर भरभरा कर गिर पड़ा है छत और दीवार गिर गई है अब वह सड़क किनारे दूसरे के चबूतरो में रहकर अपनी जिंदगी के दिन काट रहे हैं उनके पास रहने के लिए दूसरा घर नहीं है खाने के लिए आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है किसी तरह एक टाइम पेट भरते हैं लेकिन 10 वर्षों से आवास मांगने के बाद भी भाजपा सरकार और उनके नेताओं ने होरी लाल को आवास दिलाने में सिफारिश नहीं की है क्योंकि होरीलाल सवर्ण बिरादरी का है और यहां के नेता अनुसूचित जाति के हैं।

जिससे यह नेता सवर्णों का सहयोग करने को तैयार नही है खंडहर नुमा घर गिर जाने के बाद भी नगर पालिका से लेकर जिले के अधिकारियों को होरीलाल बाबा जी की गरीबी पर तनिक भी रहम नहीं आई है जिससे 10 वर्षों से आवास की मांग करने के बाद भी होरीलाल को एक सरकारी आवास नहीं मिल सका है अब सवाल यह है कि होरी लाल अधिकारियों को खुश नहीं कर पा रहा है।

जांच करने वाले लोगों को वह रकम नहीं दे पा रहा है जिससे गरीब होते हुए भी होरी लाल को जांच करने वाले अधिकारी गरीब मानने को तैयार नहीं है बरसात में घर गिर जाने के बाद होरी लाल के सामने मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है लेकिन उसके बाद भी जनपद मुख्यालय में रहने वाले होरी लाल की सुधि लेने वाले अधिकारी जनहित की बात करने वाले बड़े-बड़े नेता उसके घर नहीं पहुंचे हैं जिससे अधिकारी और नेताओं की जनविरोधी नीतियों का अंदाजा लगाया जा सकता है।

मदन कुमार केसरवानी

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