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- सूबे की योगी सरकार में...
सूबे की योगी सरकार में भी पूर्ववर्ती अखिलेश और मायावती की सरकार से भ्रष्टाचार कम होता नहीं दिख रहा है
कौशांबी विकास का ढिंढोरा पीटने वाली सूबे की योगी सरकार में भी पूर्ववर्ती अखिलेश और मायावती की सरकार से भ्रष्टाचार कम होता नहीं दिख रहा है योगी सरकार गांव गांव साफ-सफाई विकास का ढिंढोरा पीट रही है लेकिन सरकारी नुमाइंदों के कमाई का साधन बनकर सरकारी योजनाएं रह गई है
ताजा मामला जिले की ग्राम पंचायतों में मच्छर से निजात दिलाने के लिए फागिंग कराने के नाम पर ग्राम पंचायतों में भेजे गए बजट का है जिले की सभी ग्राम पंचायतों में पंचवर्षीय योजना में फागिंग योजना की रकम बैंक खातों के जरिए ग्राम पंचायत दी गई है लेकिन शायद ही कोई ऐसी ग्राम पंचायत हो जहां ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने फागिंग कराई हो
बीते 5 वर्षों से ग्राम पंचायतों में फॉगिंग ना होने के बाद भी पंचायत विभाग के जिम्मेदारों ने इस योजना को गंभीरता से नहीं लिया है जिले में 498 ग्राम पंचायत हैं और लगभग 50 लाख रूपते की रकम प्रत्येक वर्ष फॉगिंग के नाम पर ग्राम पंचायतों के बैंक खातों में भेजकर योजना से जुड़े जिम्मेदार अपना कमीशन वसूल रहे हैं
आंकड़ों पर गौर करें तो 5 वर्षों के दौरान 498 ग्राम पंचायतों के खातों में ढाई करोड़ के लगभग योजना के नाम पर सरकारी खजाने से रकम भेजी जा चुकी है लेकिन कही भी कार्य नही हुए जिसका नतीजा यह है कि मच्छरों की संख्या कम नही हुई फॉगिंग योजना के नाम पर हुए बड़े घोटाले का पर्दाफाश कब होगा यह सवालों के घेरे में है
फॉगिंग योजना के नाम पर बीते 5 वर्षों से जिले में चल रहे इस गोरखधंधे का यदि योगी सरकार ने सूक्ष्म जांच उच्च अधिकारियों से कराई तो फॉगिंग योजना में घोटाला उजागर होना तय है लेकिन क्या योगीराज में योजना के घोटाले की निष्पक्ष जांच हो पाएगी यह योगी सरकार की व्यवस्था पर बड़ा सवाल है
सुशील केशरवानी वरिष्ठ पत्रकार