कौशाम्बी

यूपी में इलाज के दौरान गैंगरेप के बाद बालिका की चिकित्सकों ने की हत्या

Shiv Kumar Mishra
1 Nov 2020 11:35 AM IST
यूपी में इलाज के दौरान गैंगरेप के बाद बालिका की चिकित्सकों ने की हत्या
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चिकित्सकों के घृणित कार्य पर पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज आरोपी चिकित्सक हुए फरार

कौशांबी जनपद मुख्यालय मंझनपुर में चिकित्सकों के घृणित कृत्य ने पूरे चिकित्सा जगत को शर्मसार कर दिया है. नर्सिंग होम में इलाज के लिए पहुँची एक बालिका के साथ सामूहिक गैंगरेप अस्पताल परिसर में किया गया है. जब बालिका ने गैंगरेप का विरोध किया तो चिकित्सकों ने उसकी हत्या कर दी है. मामला जिला अधिकारी के संज्ञान तक पहुंचा बीती रात मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने गैंगरेप और हत्या की धारा में चिकित्सकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है. मुक़दमा दर्ज होते ही आरोपी चिकित्सक भूमिगत हो गए हैं और कुछ खास लोगों से संपर्क बनाकर पुलिस की गतिविधियों की जानकारी ले रहे है.

घटनाक्रम के मुताबिक कोखराज थाना क्षेत्र के चकमाह पुर पांडेय मऊ गांव निवासी पूजा प्रजापति उम्र लगभग 20 वर्ष पुत्री सत्यनारायण प्रसाद को इलाज के लिए 21 सितंबर को मंझनपुर मुख्यालय के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पूजा बुखार के मर्ज से ग्रसित थी. दो-तीन दिन इलाज के बाद पूजा को कुछ आराम मिल गया. आराम मिलने के बाद पूजा को आईसीयू में डाल दिया गया 23 सितंबर को पूजा ने अपने परिजनों से मिलकर बताया कि यहां के डॉक्टर व अन्य स्टाफ मेरे साथ जबरदस्ती करने की योजना बना रहे हैं और रात में मेरे साथ गलत काम करते हैं. बालिका के पिता ने अस्पताल मैनेजर और डॉक्टर से यह बात बताया लेकिन इसी बीच पूजा की मौत हो जाती है.

पूजा की मौत के बाद परिजनों ने मामले की सूचना जिलाधिकारी को दी जिस पर जिलाधिकारी ने अपर जिला अधिकारी को संपूर्ण पकड़ की मजिस्ट्रेट जांच सौंप दी है. 30 अक्टूबर को मंझनपुर कोतवाली पुलिस ने न्यू तेजमति अस्पताल के चिकित्सकों के विरुद्ध गैंगरेप की धारा 376 डी और हत्या की धारा 302 में मुकदमा दर्ज कर लिया है. मुकदमा दर्ज होते ही आरोपी चिकित्सक फरार हो गए हैं. पुलिस चिकित्सकों की तलाश में मुखबिर का जाल बिछा रखी है .अस्पताल परिसर में बालिका से सामूहिक बलात्कार और उसकी हत्या के बाबत अस्पताल की चिकित्सक नीतू कनौजिया और उनके पति अरविंद कनौजिया से बात करने का प्रयास किया गया है.

लेकिन अस्पताल परिसर में वह मौजूद नहीं थे फोन पर भी बात करने का भी प्रयास किया गया है लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी है. अस्पताल के अन्य चिकित्सक इस मामले में कुछ भी मुंह खोलने को तैयार नहीं है जिससे अस्पताल संचालक का पक्ष नहीं मालूम हो सका है. बालिका की मौत के बाद उसके शव को अस्पताल संचालकों ने बालिका के परिजनों को सौंप दिया है.

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