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ओडीएफ घोषित होने के बाद भी खुले में मल मूत्र त्याग करने को विवश है आमजन
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कौशाम्बी सरकार एक तरफ कौशांबी जिले को खुले में शौच मुक्त घोषित कर रही है मूरतगंज विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बजहा में लाखों रुपए की बड़ी रकम खर्च करने के बाद गांव में बनाए गए सामुदायिक शौचालय में प्रधान ने ताला बंद कर दिया है जिससे आम जनमानस के साथ-साथ बाहर से आने वाले लोगों को खुले में मल मूत्र त्याग करना पड़ता है।
खुले में मल मूत्र त्याग किए जाने के बाद कौशांबी जिले को कैसे ओडीएफ कहा जा सकता है लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों ने शासन को झूठी रिपोर्ट भेज कर जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया है सामुदायिक शौचालय बजहा में ताला बंद किए जाने के बाद एडीओ पंचायत मूरतगंज सामुदायिक शौचालय में बंद ताले को खुलवा नहीं सके हैं।
कुछ दिनों पहले मूरतगंज विकासखंड की जांच करने मुख्य विकास अधिकारी भी पहुंचे थे और उन्होंने जांच कर व्यवस्था में ऑल ओके कर दिया लेकिन हकीकत इससे कहीं दूर थी और गांव क्षेत्र में दुर्दशा व्याप्त है ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव झूठी सूचना देकर आला अधिकारियों को लगातार गुमराह कर रहे हैं।
खंड विकास अधिकारी मूरतगंज भी पंचायत सचिव ग्राम प्रधान और एडीओ पंचायत की झूठी बातों का समर्थन कर मालामाल हो रहे हैं आखिर समुदायिक शौचालय बजहा में ताला बंद करने वाले ग्राम प्रधान पर अभी तक खंड विकास अधिकारी ने मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया है उनकी निष्ठा पर यह एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
लोगों ने डीएम सीडीओ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सामुदायिक शौचालय बजहा में ताला बंद करने वाले ग्राम प्रधान पर मुकदमा दर्ज कराते हुए सामुदायिक शौचालय को जन उपयोग के लिए खोलने की मांग की है।