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दिन के उजाले में बेखौफ़ तरीके से चल रहे बिना रजिस्ट्रेशन ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियां
कौशाम्बी बिना रजिस्ट्रेशन कराएं ट्रैक्टर की हजारों ट्रालियां सड़कों पर ओवरलोड बालू भरकर परिवहन करती देखी जाती है लेकिन जिन ट्रालियों के पास रजिस्ट्रेशन नहीं है और वह भी बालू के परिवहन में लगी हैं ऐसी ट्रालियां थाना पुलिस यातायात पुलिस से लेकर एआरटीओ और उनके सहायकों को नहीं दिखाई पड़ रही है आखिर इन ट्रालियों के मालिकानों से थाना पुलिस यातायात पुलिस और एआरटीओ कार्यालय को क्या लगाव है यह एक बड़ी जांच का विषय है
गौरतलब है कि चायल तहसील क्षेत्र के तिल्हापुर गांव नेवादा तिल्हापुर मोड़ चायल से लेकर मनौरी पूरामुफ्ती की सड़कों पर रात के साथ दिन के उजाले में बालू से लदे ओवरलोड ट्रैक्टर ट्राली सड़कों पर दौड़ते देखे जाते हैं मजेदार बात तो यह है कि ट्रैक्टर के इंजन का रजिस्ट्रेशन तो परिवहन विभाग में कृषि कार्य हेतु किया गया है, लेकिन इनकी ट्राली का रजिस्ट्रेशन परिवहन विभाग में नहीं है, परिवहन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि ट्रैक्टर के साथ ट्राली लगाने का रजिस्ट्रेशन नहीं है, फिर भी जिले की सड़कों पर बेखौफ तरीके से हजारों ट्रालियां बालू के परिवहन में लगी हैं ट्रैक्टर के रजिस्ट्रेशन भी माल ढोने का नहीं है फिर भी सड़क पर दौड़ रहे हैं अधिकतर चालकों के पास हैबी चालक लाइसेंस नहीं है फिर भी सड़कों पर ट्रैक्टर और उनके ट्रालियों दौड़ती देखी जाती है बगैर रजिस्ट्रेशन के सड़कों पर दौड़ रहे ट्रालियों को रोकने का प्रयास परिवहन विभाग के अधिकारियों से लेकर थाना पुलिस यातायात पुलिस द्वारा नहीं किया जा रहा है सड़कों पर जांच के नाम पर पूरे दिन यातायात पुलिस और थाना पुलिस दिखाई पड़ती है लेकिन केवल बाइक चालकों की जांच कर शासन प्रशासन को जांच रिपोर्ट भेज देते हैं जो वाहन सड़कों पर बेखौफ तरीके से गलत तरीके से दौड़ रहे हैं उन वाहनों को यातायात थाना पुलिस जांच कर कार्यवाही नहीं कर रही है जिससे इनकी गलत वाहनों से संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता
चर्चाओं पर जाएं तो बालू लादकर निकलने वाले अवैध ट्रैक्टर की ट्रालियों से थाना पुलिस यातायात पुलिस के साथ-साथ एआरटीओ बिभाग को मोटी कमाई प्रत्येक महीने पहुंच रही है। जिसके चलते इस अवैध धंधे को बंद कराने का प्रयास जिले में नहीं हो सका है एक तरफ अवैध खनन को बढ़ावा देकर बालू माफिया रातों रात मालामाल हो रहे हैं और खनन अधिकारी बालू माफियाओं के सामने घुटने टेक कर बालू के काले कारोबार से अपना हिस्सा वसूल रहे हैं जिले में बालू का काला कारोबार बीते चार दशक से बेखौफ तरीके से प्रत्येक वर्ष अधिक तेजी से फल फूल रहा है लेकिन बालू के काले कारोबार को रोकने का प्रयास अभी तक नहीं हो सका है अब सवाल उठता है कि जिन ट्रैक्टर के पास ट्राली का रजिस्ट्रेशन नहीं है वह जिले में परिवहन कैसे कर रहे हैं इस सवाल के जवाब पर एआरटीओ कौशांबी और उनके सहायक चुप्पी साध जाते हैं जिला अधिकारी को अवैध ट्रालियों के संचालन के मामले को संज्ञान लेना होगा बालू लदी ट्राली का रजिस्ट्रेशन ना होने के बाद भी पुलिस भी इन पर कार्यवाही नहीं कर रही है बल्कि रात के अंधेरे में अवैध तरीके से ट्रैक्टर में लगी ट्रालियों में वर्दी द्वारा वसूली किया जाता है। और कभी बालू लदे वाहनों पर यदि किसी सक्षम अधिकारी ने कार्यवाही की तो उसकी ट्राली के रजिस्ट्रेशन को बगैर देखे बालू लदे ट्रैक्टर और ट्राली को खनन बिभाग द्वारा अवमुक्त किए जा रहे हैं जो पूरी व्यवस्था को संदेश के घेरे में खड़ा कर रहे हैं।