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- नजदीकी सरकारी अस्पताल...
नजदीकी सरकारी अस्पताल में घायलों का नहीं हो रहा मेडिकल जांच
कौशाम्बी मारपीट हमले के मामलों में घायल पुलिस केस के पीड़ितों का मेडिकल जांच नजदीकी सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा नहीं किया जाता है बल्कि ब्लॉक और तहसील स्तर के अस्पतालों में खून से लथपथ दर्द से कराहते घायलों को भेजकर सरकारी अस्पताल के चिकित्सक घायलों की जांच करने से पीछा छुड़ाते हैं जिससे खून से लथपथ लोग कई कई घंटे दर्द से कराहते रहते हैं चिकित्सकों का यह कारनामा जिले में इन दिनों आम बात हो गई है।
पुलिस केस के मामले में घायलों को मेडिकल परीक्षण जांच की व्यवस्था थाने के नजदीक सरकारी अस्पतालों में किए जाने की जरूरत है लेकिन इस मामले की व्यवस्था में सुधार करने के लिए पीड़ितों की मदद करने के लिए अभी तक लंबी चौड़ी डींग हांकने वाले जनप्रतिनिधियों ने भी आवाज बुलंद नहीं की है जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक का ध्यान आकृष्ट करा कर नजदीकी सरकारी अस्पतालों में घायलों का मेडिकल परीक्षण जाँच कराए जाने के आदेश जारी किए जाने की पहल न किए जाने से प्रतिदिन घायल दर्द से कराहते देखे जाते हैं लेकिन घायलों के दर्द की परवाह जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ हाला हाकिम को भी शायद नहीं है।
पुलिस केस के मामले में घायलों को मेडिकल परीक्षण कराए जाने के प्रकरण में सबसे अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मूरतगंज के चिकित्सकों की निर्दयता देखी जाती है कोखराज थाना पुलिस द्वारा घायलों को नजदीकी सरकारी अस्पताल मूरतगंज में मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा जाता है तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मूरतगंज के चिकित्सक घायलों का मेडिकल परीक्षण नहीं करते हैं बल्कि यह कह कर चिकित्सक घायलों को वापस भेज देते हैं कि सिराथू तहसील क्षेत्र का मामला है और इन घायल लोगों का मेडिकल परीक्षण जांच सिराथू तहसील के ही सरकारी अस्पताल में होगा।
चिकित्सकों का कहना है कि कोखराज क्षेत्र के जिस गांव की तहसील सिराथू लगती है उस गांव के पुलिस केस के मामले में घायल लोगों का मेडिकल परीक्षण भी सिराथू सरकारी अस्पताल में किया जाएगा एक बार घायल थाना के नजदीक मूरतगंज अस्पताल जाता है फिर उसे वहां से 25 किलोमीटर दूर वापस सिराथू अस्पताल भेज दिया जाता है जिससे दो अस्पतालों की दूरी तय करने के दौरान घायल तड़पते देखे जाते हैं क्षेत्र के संभ्रांत लोगों ने डीएम सीएम का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पुलिस थाने से नजदीक सरकारी अस्पतालों में मेडिकल परीक्षण कराए जाने के निर्देश दिए जाने की मांग की है।