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जर्जर भवन के नीचे शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर छात्र
कौशाम्बी।अझुवा कौशाम्बी परिषदीय विद्यालयों में जर्जर भवनों में शिक्षा ग्रहण करने को छात्र मजबूर हैं सरकार की तमाम योजनाएं अभिलेखों तक सीमित रह गई है आलीशान कार्यालयों में एसी मशीन लगाकर ठंडी हवा खाने वाले अधिकारियों को परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है यदि जर्जर भवन धराशाई हो गया और परिषदीय विद्यालयों के बच्चे हादसे के शिकार हुए तो इसका जवाब देह कौन होगा लेकिन फिर भी परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवन को ठीक कराए जाने की ओर पहल नहीं हो रही है केंद्र और राज्य सरकार की कायाकल्प योजना नगर पंचायत की फाइलों में दब कर रह गयी है।
नगर पंचायत अझुवा के 12 वार्डो में 4 वार्डों में उच्च प्राथमिक विद्यालय है जिसमे अझुवा कस्बा के जी टी रोड स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय अझुवा प्रथम को के सरकार द्वारा कान्वेंट(इंग्लिश मीडियम) का दर्जा दिया गया है लेकिन इस विद्यालय के अधिकतर कमरे जर्जर है छतों से पानी टपकता है इस स्कूल में छात्रों के बैठने की कोई व्यवस्था नही है प्रधानाध्यपिक मीनाक्षी सिंह ने बताया की इस विद्यालय के कमरों की छतें जर्जर है छात्रों को बैठने की व्यवस्था नही है उनका कहना है कि इस संदर्भ में विभाग को कई बार अवगत कराया गया साथ ही कायाकल्प योजना के तहत नगर पंचायत कार्यालय को भी प्रस्ताव बना कर दिया गया परंतु अभी तक जर्जर स्कूल भवन की मरम्मत नहीं हो सकी है सबसे बड़ी बात विद्यालय परिसर में चारो तरफ फैली गंदगी एव जर्जर बिल्डिंग से विद्यालय की सभी व्यवस्थाएं अस्तव्यस्त है इस विद्यालय में प्राथमिक स्तर एव उच्च प्राथमिक स्तर पर लगभग 500 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है।
कायाकल्प योजना से परिषदीय विद्यालयों का होगा कायाकल्प
अझुवा कौशाम्बी सरकार द्वारा सभी परिषदीय विद्यालयों को कान्वेंट की तरह सुंदर बनाने के लिए ग्राम सभाओं और नगर पंचायतों को जिम्मेदारी दे रखी है जिसमे केंद्रीय वित्त 14वे ,15वे से यह कार्य कराया जाना है जिसमे परिसर की साफ सफाई इंटरलॉकिंग, कमरों की मरम्मत फर्स में टाइल्स,पंखे विधुतीकरण पेयजल व्यवस्था, शौचालय एव भवन निर्माण साज सज्जा आदि है लेकिन नगर पंचायत द्वारा अभी तक किसी भी विद्यालय को सजाया नही जा सका अधिशासी अधिकारी ने बताया कि सभी चारो विद्यालय में सबसे पहले शौचालय और किचेन निर्माण का कार्य कराया जा रहा है सभासदों ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत हम लोगो ने विद्यालय से प्रस्ताव करवा कर नगर पंचायत कार्यालय में दिया है लेकिन जिम्मेदारो द्वारा अभी तक कोई ठोस कदम नही उठाया गया इस योजना के नाम पर मात्र 1 समरसेबल बोर हुआ लेकिन उसका फाउंडेशन और टँकी आज तक नही लगा ,बरसात में विद्यालय की अधिकांश कमरों की छतें टपक रही है।