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शिक्षा विभाग में घोटाले के बाद आरोपियों की नहीं हुई गिरफ्तारी
कौशांबी। सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों द्वारा सरकारी खजाने में घोटाले कर आलीशान हवेली खड़ी की जा रही है लेकिन उसके बाद भी घोटाले बाजों की नकेल कसने में प्रशासन गंभीर नहीं हो सका है जांच के दौरान घोटाला उजागर होने के बाद भी आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर पुलिस सब कुछ भूल जाती है जिम्मेदार अधिकारी भी घोटाले बाजों पर कार्यवाही की फाइल आगे नहीं बढ़ा पाती हैं मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो रही है उन्हें जेल नहीं भेजा जा रहा है उनकी संपत्तियों को नीलाम करा कर सरकारी रकम को खजाने में फिर नहीं जमा कराया जा रहा है।
एक तरफ योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात कर रही है भ्रष्टाचारियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की बात योगी सरकार कर रही है लेकिन कौशांबी में भ्रष्टाचार में लिप्त लोग मौज मस्ती कर रहे हैं और आला अधिकारी भी मामले को लेकर गंभीर नहीं दिखाई पड़ रहे हैं लोगों ने डीएम एसपी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए घोटाले बाजों की गिरफ्तारी कराना उनकी संपत्तियों को नीलाम कराना और घोटाले बाजों को बर्खास्त कर उनको जेल भेजने की मांग की है।
बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियां कर वेतन दिए जाने के मामले का खुलासा होने के बाद कई लोगों पर महीनों पूर्व मंझनपुर कोतवाली में शिक्षा अधिकारियों ने मुकदमा दर्ज कराया था मुकदमा दर्ज करने के बाद कुछ दिनों तक तो घोटालेबाज फरार रहे लेकिन बाद में आरोपियों का भय समाप्त हो गया है अब खुलेआम घूम रहे हैं नामजद मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस ने नहीं की है जबकि इन पर फर्जी तरीके से सरकारी धन हड़प करने का आरोप जांच के दौरान प्रमाणित हो चुका है सरकारी रकम में हेरा फेरी धांधली के मामले में गिरफ्तारी न करने के मामले में पुलिस का यह पहला खेल नहीं है इसके पहले भी कोखराज थाना में पंचायत सचिव अर्चना सरोज सहित कई लोगों पर लाखों गबन का मुकदमा दर्ज हुआ था।
वर्षों बीत जाने के बाद भी पंचायत सचिव सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर सकी है इसके अलावा भी कई थाना क्षेत्रों में सतीश चौधरी समेत कई पंचायत सचिव पर सरकारी रकम में हेराफेरी कर सरकारी रकम गबन करने की जांच के बाद आरोप प्रमाणित होने पर मुकदमा दर्ज हो चुका है मुकदमा दर्ज करने के बाद भी सरकारी नुमाइंदों की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर रही है आखिर कहां से मामले में दबाव पड़ रहा है जिससे घोटाले बाजों की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर पाती है।
आखिर कैसे सरकारी खजाना सुरक्षित रहेगा सरकारी खजाने की रकम हेराफेरी करने के मामले में कर्मचारियों की मनोदशा पर कैसे विराम लगेगा यदि आरोपों की पुष्टि होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा उनसे सरकारी रकम की रिकवरी नहीं कराई जाएगी तो कौशांबी में सरकारी खजाना कैसे सुरक्षित रहेगा आला अधिकारियों को इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए घोटाले बाजों की गिरफ्तारी करानी होगी उन्हें जेल भेजना होगा उनकी संपत्तियों को कब्जा करके उसकी नीलामी कर सरकारी रकम की भरपाई सरकारी खजाने में करनी होगी लेकिन जिले में ऐसा होता नहीं दिख रहा है जिससे सरकारी रकम में घोटाला करने वालों के हौसले बुलंद हैं।