कौशाम्बी

रेल लाइन पर मिली श्रमिक की लाश, परिजन क्यों बार बार बोल रहे है झूठ?

Shiv Kumar Mishra
17 Sept 2020 8:25 PM IST
रेल लाइन पर मिली श्रमिक की लाश, परिजन क्यों बार बार बोल रहे है झूठ?
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कौशाम्बी। कोखराज थाना क्षेत्र के सुजालपुर रेल लाइन के पास एक श्रमिक की लाश मिली है परिजनों ने इसे आत्महत्या करार दिया है पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है जबकि मौके पर तमाम ऐसे साक्ष्य जो आत्महत्या से इंकार कर रहे हैं।

घटनाक्रम के मुताबिक कोखराज थाना क्षेत्र के अँधावा शहजाद पुर गांव निवासी लालजी उम्र लगभग 40 वर्ष रोजी रोटी के सिलसिले में मुंबई में रहते हैं 15 सितंबर को मुंबई से ट्रेन पकड़ कर वह गांव लौट कर आए लेकिन रात में उन्होंने घर आते ही क्या देख लिया कि उसी रात उनका परिजनों से विवाद शुरू हो गया झगड़ा इस कदर हुआ कि पूरे मोहल्ले को घर की लड़ाई की जानकारी हो गई दूसरे दिन शाम को रेलवे लाइन के पास उनकी लाश मिली परिजनों ने सीधा-सीधा लाल जी की मौत को आत्महत्या करार दिया लेकिन परिजनों की बातें में तमाम झोल है आखिर लालजी की मौत के बाद परिजन झूठ बोलकर क्या छुपाना चाहते हैं यह पुलिसिया जांच का विषय है।

परिजनों का कहना है कि 15 तारीख को वह घर आए थे और दूसरे दिन 16 तारीख को सुबह शुजालपुर रेलवे लाइन में टिकट का रिजर्वेशन कराने चले गए थे यहां से जब वह वापस देर शाम तक नहीं लौटे तो उनकी खोजबीन शुरू हुई जिस पर उनकी लाश मिली है परिजनों की यह बात पूरी तरह से झूठ है शुजालपुर रेलवे पर आरक्षण काउंटर नहीं है और वहां साधारण टिकट मिलता है।

इसलिए मुंबई से आने वाले व्यक्ति का टिकट लेने जाने का सुजातपुर स्टेशन कोई सवाल नहीं परिजनों का दूसरा झूठ यह भी है कि उन्होंने कहा कि टिकट लेने जाने से समय रेल लाइन पार करते समय व दुर्घटना के वह शिकार हो गए मृतक का गांव भी रेलवे लाइन के उत्तर है और रेलवे लाइन के उत्तर टिकट खिड़की भी बनी हुई है फिर रेलवे लाइन पार कर दक्षिण दिशा की ओर जाने का उनका क्या औचित्य था इतना ही नही मौके पर मौजूद ना होने के बाद भी हादसे पर चश्मदीद जैसे बयान परिजन दे रहे है जो सवाल खड़ा कर रहा है।

परिजनों का तीसरा जवाब जब 15 तारीख को रात वह मुंबई से ही वापस लौट कर आए थे तो इतनी जल्द 16 तारीख को दूसरे दिन सुबह उन्हें कौन सी जल्दी आ गई कि वह फिर मुंबई वापस जाना चाहते हैं और यदि साधारण टिकट लेकर वह मुंबई फिर जाना चाहते थे तो परिजनों का एक झूठ और जुड़ गया सुजातपुर स्टेशन से मुंबई की कोई ट्रेन नहीं है झूठ पर झूठ परिजन क्यो झूठ बोल रहे हैं मुंबई से लौटने के बाद उसी रात घर में विवाद भी हुआ है आखिर उन्होंने घर में आते ही क्या देख लिया है जिससे विवाद का कारण बन गया है विवाद की बात आसपास के लोग भी कर रहे हैं इस बात को भी परिजनों द्वारा छुपाया जा रहा है आखिर विवाद की घटना को छुपाने के पीछे परिजनों का क्या स्वार्थ है यह भी जांच का विषय है।

इतना ही नहीं मृतक की लाश रेलवे स्टेशन से दूर आउटर सिंगल के बाहर मिली है और अब सवाल उठता है कि टिकट लेने वाला कोई व्यक्ति स्टेशन पर जाएगा तो आउटर सिंगल के बाहर वह क्यों जाएगा इससे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि यदि लाल जी को आत्महत्या ही करनी थी तो मुंबई से आते वक्त सुनसान स्थान पर उन्होंने आत्महत्या करने का निर्णय करने के बजाय घर आने के बाद परिजनों से मिलने के बाद अचानक आत्महत्या करने की क्यों सोची यह बात भी तमाम सवाल छोड़ रही है लालजी की मौत और परिजनों के झूठ ने तमाम रहस्य मय सवाल छोड़ दिए हैं इन तमाम गंभीर बिंदुओं पर बिंदुवार जांच हुई तो लाल जी की मौत के पीछे की तमाम सच्चाई पुलिस के सामने होगी लेकिन इस रहस्यमई मौत का खुलासा कोखराज पुलिस कर पाएगी या फिर अन्य मामलों की तरह यह मामला भी पुलिस अभिलेखों में दफन होकर रह जाएगा इस बात का उत्तर जनता चाहती है।

सुशील केसरवानी

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