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UP Gaushala Special Story: गोवंश की दुर्दशा आधा पेट मिलता है सूखा भूसा
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कौशांबी जिले में गोवंश को संरक्षित करने के लिए गौ संरक्षण केंद्र बनाए गए है गौ संरक्षण केंद्र जिम्मेदारों के कमाई का साधन बनकर रह गया है गौ संरक्षण केंद्र में जिम्मेदारों द्वारा गाय को आधा पेट सूखा भूसा दिया जा रहा है. सूखा भूसा पशु नहीं खाते हैं जिससे गाय की शरीर दिन प्रतिदिन कमजोर होती है और धीरे-धीरे गौ संरक्षण केंद्र में गाय की मौत हो रही है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा संचालित की गई को संरक्षण केंद्र पशुओं के मौत का अड्डा बन गया है. लेकिन इस गंभीर विषय की ओर आला अधिकारी गंभीर नहीं है जिम्मेदारों के इस भ्रष्टाचार के चलते योगी सरकार का गो संरक्षण अभियान कैसे सफल होगा यह बड़ा सवाल है लेकिन व्यवस्था सुधार की ओर अभी तक पहल नहीं हो सकी है ताजा मामला नगर पालिका मंझनपुर द्वारा संचालित गौ संरक्षण केंद्र का है.
मंझनपुर नगर पालिका द्वारा संचालित गौ संरक्षण केंद्र में जब मौके पर पहुंचकर हकीकत देखी गई तो वहां मौजूद पशुओं को केयरटेकर द्वारा सूखा भूसा दिया गया था मंझनपुर गो संरक्षण केंद्र में केयर टेकर द्वारा गोवंश को पानी भी नहीं पिलाया जाता है केयरटेकर गोवंश के पेट के चारा भूसा को काटकर मालामाल हो रहे हैं ऐसा नहीं है कि केयरटेकर मनमानी कर रहे हैं बल्कि नगरपालिका और स्थानीय पशु चिकित्सालय के सांठगांठ और काली कमाई में हिस्सेदारी के चलते केयरटेकर पशुओं को आधा पेट सूखा भूसा देने को मजबूर है नगर वासियों ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पशुओं के पेट के चारा में कटौती करने वाले जिम्मेदारों पर कार्यवाही की मांग की है.
सुशील मिश्रा