कौशाम्बी

संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौत, लाला गुप्ता की मौत के बाद उसके मुकदमे की पैरवी करने वाला नहीं है कोई

Shiv Kumar Mishra
22 Feb 2023 11:39 AM GMT
संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौत, लाला गुप्ता की मौत के बाद उसके मुकदमे की पैरवी करने वाला नहीं है कोई
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प्रधानमंत्री आवास की रकम से 20 हजार रुपए छीन लेने का लाला गुप्ता कर रहा था विरोध

कौशांबी। चरवा थाना क्षेत्र के काजू गांव में एक व्यक्ति की मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। मृतक के पीछे उसकी एक मां है जो दोनों आंख से सूरदास बताई जाती है। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

घटनाक्रम के मुताबिक चरवा थाना क्षेत्र के काजू गांव निवासी लाला गुप्ता उम्र 35 वर्ष पुत्र स्वर्गीय अमरनाथ की गरीबी आर्थिक समस्या देखते हुए प्रशासन ने उसे प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया था। उसके बैंक खाते में विभाग ने 40 हजार रुपए की पहली किस्त की रकम भेजी थी। रकम निकालते ही गांव के एक असरदार व्यक्ति ने उससे 20 हजार रुपए प्रधानमंत्री आवास के कमीशन के नाम पर छीन लिया था, जिसका विरोध लाला गुप्ता कर रहा था। उसने कई लोगों से इस बात को बताया कि उसके प्रधानमंत्री आवास की रकम से 20 हजार रुपए की रकम उपरोक्त असरदार व्यक्ति ने छीन लिया है।

चर्चाओं पर जाएं तो मंगलवार की दोपहर उपरोक्त असरदार व्यक्ति के गुर्गे लाला गुप्ता को बुलाकर उसके पास ले गए उसके साथ जमकर मारपीट की गई। उसे शराब पिलाया गया शराब पिलाने के बाद लाला गुप्ता की मौत हो गई है। आशंका जताई जाती है कि शराब में उसे जहर दे दिया गया है। मामले की सूचना पुलिस को दी गई मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया लेकिन उपरोक्त असरदार व्यक्ति ने पोस्टमार्टम करने से रोकने का प्रयास किया। काफी प्रयास के बाद लाला गुप्ता के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अब उपरोक्त व्यक्ति को पुलिस चिन्हित कर पाती है या सब कुछ उपरोक्त व्यक्ति का पहले की तरह चलता रहेगा।

बताया जाता है कि उपरोक्त असरदार व्यक्ति के ऊपर पहले से कई अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और इलाके में उसका आतंक अत्याचार कायम है। कुछ महीने के बीच कई मामले उसके चर्चा में आ चुके हैं लेकिन मामले रफा-दफा हो जाते हैं। अब लाला गुप्ता की मौत के बाद उसके मुकदमे की पैरवी करने वाला कोई नहीं है। उसकी एक माँ है जो दोनों आंख से सूरदास बताई जाती है और मृतक के दो भाई रोजी - रोटी के चक्कर में गांव छोड़कर बाहर रह रहे हैं। अब लाला गुप्ता को न्याय मिल पाता है या मुकदमे की पैरवी करने वालों के ना होने से उसे न्याय नहीं मिल पाता है यह भविष्य के गर्त में है।

Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

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