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चालकों की तानाशाही से परिवहन निगम की बसों का व्यवसाय हो रहा कमजोर
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कौशांबी परिवहन निगम के चालक परिचालक जाम के झाम का बहाना कर प्राइवेट चालकों के हाथों बिक चुके हैं. जिसके चलते दिनों-दिन परिवहन निगम की आए घट रही है. प्राइवेट वाहन चालकों की आय दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. परिवहन निगम के परिचालकों और चालकों के प्राइवेट वाहनों से गठजोड़ के मामले को आला अधिकारी भी गंभीरता से नहीं ले रहे.
जिससे परिवहन निगम की बसों का व्यवसाय कमजोर हो रहा है. परिवहन निगम की बस के चालक परिचालक यात्रियों से आए दिन अभद्रता करते हैं. इतना ही नहीं इलाहाबाद से महेवा घाट बांदा चित्रकूट चलने वाली बसें भरवारी कस्बे में जाने के बजाय चालकों परिचालकों की तानाशाही से बाईपास से निकल जाती हैं जिसके चलते इलाहाबाद और महेवा घाट से भरवारी जाने वाली सवारियां सरकारी बसों से यात्रा करना उचित नहीं समझते इसका सीधा लाभ प्राइवेट बस चालक उठाते हैं.
जबकि प्राइवेट बस भरवारी कस्बा से होकर आती जाती है जिससे प्राइवेट बस में सुविधा मिलने से यात्रियों का प्राइवेट बसों की ओर झुकाव बढ़ रहा है. भरवारी कस्बे के अंदर से होकर परिवहन निगम की सरकारी बसों को चलाए जाने के लिए चायल विधायक संजय गुप्ता भी काफी प्रयास कर चुके हैं. इसके पूर्व जिलाधिकारी ने भी आबादी के बीच से बस चलाए जाने को परिवहन विभाग के अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा था लेकिन दो-चार दिन चालक कस्बे के अंदर से बसों का संचालन करते हैं.
उसके बाद बाईपास से बस चालक लेकर बस चले जाते हैं. भूल से भी किसी सवारी ने भरवारी उतरने के लिए सरकारी बस में कदम रख दिया तो उसे आबादी से 3 किलोमीटर दूर बस चालक परिचालक अभद्रता कर यात्री को बस से धक्का मारकर उतार देते हैं. परिवहन विभाग के चालकों परिचालकों के इस रवैया से यात्रियों में आक्रोश है लेकिन धक्का मारकर उतारे जाने से आक्रोशित यात्रियों पर यात्री टिकट का पैसा लूट लिए जाने का झूठा मुकदमा लिखाए जाने की धमकी देकर चालक परिचालक तानाशाही पर उतर चुके हैं.
इन पर शासन को कठोर कार्रवाई करनी होगी जिससे यातायात की व्यवस्था सुचारू हो सके और साथ-साथ परिवहन निगम की आमदनी में इजाफा हो इस बारे में परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक से बार-बार बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी.