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- 3 महीने से चाचा भतीजे...
कौशाम्बी मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के टेवा गांव की एक बालिका न्याय पाने के लिए दर दर की ठोकर खा रही है बालिका के चाचा और भाई को गांव के लोग 3 महीने पहले बुला कर ले गए हैं लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद गायब चाचा भतीजे वापस नहीं लौट सके हैं नाबालिग दलित बालिका थाना पुलिस चौकी से लेकर डीएम एसपी की चौखट पर शिकायती पत्र देकर गायब अपने चाचा और भाई को खोजने की फरियाद कर चुकी है लेकिन बार-बार शिकायती पत्र देने के बाद थाना पुलिस ने बालिका की आवाज दबाने के उद्देश्य से उसके एक भाई को शांतिभंग में चालान कर दिया है न्याय पाने के लिए बालिका जिला पंचायत अध्यक्ष के दरबार में शनिवार को फरियाद कर रही थी।
मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के टेवा गांव की रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिग दलित बालिका रोशनी देवी ने बताया कि उसके पिता की पहले मौत हो चुकी है और माता दिमाग की कमजोर है उसके चाचा ननका सोनकर और भाई छोटू उम्र 14 वर्ष को जमीनी विवाद के बीच गांव के कुछ लोग 3 महीने पहले बुला कर ले गए थे लेकिन उसके चाचा ननका सोनकर और भाई छोटू सोनकर वापस नहीं लौटे है गायब दोनों लोगों के वापस न लौटने से बालिका को अनहोनी की आशंका है जिस पर वह लगातार थाना पुलिस चौकी पुलिस से लेकर अधिकारियों के चौखट पर फरियाद कर खोजने की मिन्नत कर रही है।
घटना को 3 महीने बीत जाने के बाद भी आरोपियों को पकड़ कर उनसे पूछताछ करना उनके मोबाइल को सर्विलांस में लगाकर कॉल डिटेल निकलवाने की कोशिश थाना पुलिस ने नहीं किया है बल्कि शिकायती पत्र देने वाली दलित नाबालिग बालिका रोशनी देवी के भाई से ही थाना पुलिस से शांति भंग का खतरा होने लगा और बालिका के भाई को बीते सप्ताह पुलिस ने शांतिभंग में चालान कर दिया है इस बात को चौकी इंचार्ज टेवा स्वीकार भी कर रहे हैं पुलिस से न्याय मांगने पर आखिर कब तक थाना पुलिस गरीब कमजोर मजलूम लोगों की आवाज दबाने का प्रयास करती रहेगी गायब लोगों के परिजनों को शांतिभंग की धारा में चालान करने के मामले में यदि पुलिस अधिकारियों ने जांच कराई तो थाना पुलिस और चौकी पुलिस के कारनामे उजागर होंगे।
सुशील केसरवानी वरिष्ट पत्रकार