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क्या होगा कौशांबी लोकसभा क्षेत्र का हाल, जहाँ डिप्टी सीएम और राजा भैया की इज्जत लगी है दांव पर
कौशांबी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तरी भारत में उत्तर प्रदेश राज्य में 80 लोकसभा(संसदीय) निर्वाचन क्षेत्रो में से एक है. कौशांबी और प्रतापगढ़ जिलो में पांच विधानसभा क्षेत्र आते है | इस लोकसभा सीट का गठन 2008 में कौशांबी और प्रतापगढ़ दोनो को मिलाकर किया गया. ये लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस लोकसभा सीट की बात करे तो इसमें पांच विधानसभा क्षेत्र जुड़े हुए हैं | जिनमे कौशांबी से तीन जो मंझनपुर, चायल,सिराथू और प्रतापगढ़ से दो जो कुंडा, बाबागंज विधानसभा आती है. इनमे दो विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए है. जो बाबागंज और मंझनपुर हैं.
2014 के लोकसभा चुनाव के बारे बात करे तो यहाँ से मोदी लहर में कमल खिला था जिसमे विनोद सोनकर को जीत हासिल हुई थी. इसके पूर्व की लोकसभा चुनाव 2009 की बात करे तो सपा ने इस सीट पर कब्ज़ा किया था जिसमे शैलेंद्र कुमार ने जीत हासिल की थी.
अगर कौशांबी की आबादी की बात करे तो 15 लाख 99 हजार 596 है, पुरुषो की संख्या की बात करे तो 8 लाख 38 हज़ार 485 और वही महिलाओ की संख्या 7 लाख 61 हजार 111है. कौशाम्बी की 85 प्रतिशत आबादी हिन्दुओ की और मुस्लिमों की संख्या 13 प्रतिशत है , यहाँ की औसत साक्षरता दर61.28% है. अगर सांसद विनोद सोनकर की रिपोर्ट कार्ड के बारे बात करे तो 86 फ़ीसदी उपस्तिथ दर्ज की गई है,और उन्होंने सदन में 148 सवाल पूछे और 75 बहसों में हिस्सा लिया.
2019 के लोकसभा चुनाव की बात करे तो इस बार का चुनाव उलट फेर में है. क्योंकि जो इस लोकसभा सीट के गठित होने के बाद चुनाव हुए तो में सपा के शेलेंद्र कुमार ने जीत हासिल की लेकिन वे आज सपा का साथ छोड़कर जनसत्ता दल(लोकतांत्रिक)राजा भैया की पार्टी का दामन थामा है. और यही नही इन्हें लोकसभा का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया. क्योंकि कहा जाता है कि इस सीट पर राजा भैया का दबदबा रहता है.
अगर वही दूसरी ओर सपा+बसपा गटबंधन की बात करे तो उसने इंद्रजीत सरोज को प्रत्याशी बनाया है गठबंधन सीट बंटवारे में कौशांबी लोकसभा सीट सपा के खाते में गई. जो समाजवादी पार्टी के राष्टीय महासचिव है पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. वो बसपा से मंझनपुर के विधानसभा से चार बार विधायक व बसपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं बसपा छोड़ सपा का दामन थामा, उन्होंने मायावती का विरोध भी किया था.
कांग्रेस ने इस बार अपना प्रत्याशी गिरीश पासी को बनाया जो दो बार नेवादा ब्लॉक से प्रमुख रहे है और इनकी पत्नी शिखा सरोज एक बार ब्लॉक प्रमुख चुनी गई और गिरीश पासी एक बार बसपा से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन पराजय हुई.
भाजपा के संभावित प्रत्याशी विनोद सोनकर जो वर्तमान में सांसद है. कहा जा रहा था कि राजा भैया की पार्टी से गठबंधन हुआ तो इनका टिकट कट सकता है पर अभी तक गठबंधन हुआ नही इस कारण इनका टिकट अभी बचा हुआ है. भाजपा ने अभी कौशाम्बी सीट का प्रत्याशी घोषित नहीं किया कि कौन होगा प्रत्याशी.
2014 का चुनाव
लोकसभा चुनाव में कौशांबी संसदीय क्षेत्र पर 52.38 मतदान हुए .इस चुनाव में भाजपा के विनोद सोनकर ने सपा के शैलेंद्र कुमार को 42 हजार 900 वोटो से मात देकर जीत हासिल की थी. भाजपा के विनोद सोनकर ने 3 लाख 31 हज़ार 724 वोट हासिल किया. वही समाजवादी पार्टी के शैलेंद्र कुमार को 2 लाख 88 हज़ार 824 वोट मिले. वही बहुजन समाजवादी पार्टी के सुरेश पासी को 2 लाख 1 हज़ार 322 वोट मिले .वही कांग्रेस के महेंद्र कुमार को सिर्फ 31 हज़ार 905 वोट मिले थे.
संवाददाता-आकाश मिश्र