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- गरीबों की झोपड़ी पर...
गरीबों की झोपड़ी पर चलने वाला योगी सरकार का बुलडोजर आखिर कब चलेगा करोड़ों की सरकारी जमीन के कब्जे के पर
कौशाम्बी जनपद मुख्यालय मंझनपुर कोतवाली के ठीक सामने अभिलेखों में हेराफेरी कर सरकारी संपत्ति में कब्जा करने का कुचक्र 12 वर्ष पूर्व शुरू हुआ था लेकिन तत्कालीन डीएम ने सरकारी संपत्ति को बचाने में सफलता हासिल कर ली अवैध कब्जा धारक के भवन पर बुलडोजर लगाकर भवन गिरा दिया लेकिन सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने की नियत वाले हताश नहीं हुए और लगातार तहसील प्रशासन मंझनपुर और नगर पालिका परिषद मंझनपुर से प्रयास करते रहे।
निजाम बदलते ही 3 महीने पहले फिर उसी भूमि पर कब्जे का प्रयास शुरू हुआ जिस पर अधिकारियों को जानकारी मिली कि अवैध कब्जा किया जा रहा है जिस पर सरकारी भूमि के कब्जे को रोक दिया गया फिर सेटिंग शुरू हुई और सेटिंग शुरू होते ही 1 महीने पहले फिर अवैध कब्जा शुरू हुआ। फिर मामला डीएम के संज्ञान में पहुंचा फिर कब्जा रोक दिया गया लेकिन अवैध कब्जा कर दीवार खड़ी कर दी गई थी उस पर योगी सरकार का बुलडोजर नहीं चलाया गया जिससे तहसील प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन की भूमिका सवालों के घेरे में खड़ी हो गई आखिर अवैध कब्जा धारक के बचाव में क्यों तहसील और नगरपालिका ऊर्जा लगा रही है।
तहसील और नगरपालिका की मौन स्वीकृति मिलने के बाद 3 दिन से फिर मंझनपुर कोतवाली के सामने करोड़ो की सरकारी जमीन पर बेखौफ तरीके से कब्जा शुरू है कई मजदूर लगाकर बेखौफ भवन निर्माण कराया जा रहा है तहसील प्रशासन से लेकर नगर पालिका प्रशासन मंझनपुर मूकदर्शक की भूमिका पर उतर आया है आखिर अवैध संपत्तियों पर योगी सरकार का चलने वाला बुलडोजर कौशांबी के अवैध कब्जे पर अभी तक क्यों नहीं चलाया गया है गरीब कमजोर मजलूम की झोपड़ी गिराने वाले नगर पालिका और तहसील प्रशासन करोड़ों की सरकारी संपत्ति बचाने के बजाय अवैध कब्जा धारक के बचाव में क्यों ऊर्जा लगा रहा है।
यह तमाम सवाल तहसील प्रशासन और नगर पालिका को कटघरे में खड़ा कर रहा है बताते चलें कि अवैध कब्जा धारक ने जिससे जमीन का बैनामा लिया है उसके पास अभिलेखों में तो जमीन थी लेकिन मौके पर शेष जमीन पर उसने अपना निजी भवन बना लिया है जिससे उसके पास जमीन नहीं थी अपने बने भवन के हिस्से की जमीन को बेचकर के सरकारी जमीन पर कब्जा कराया जा रहा है जिससे विक्रेता का भवन अवैध हो गया है।
मंझनपुर कोतवाली के सामने करोड़ो की सरकारी जमीन पर पहले तीन बार कब्जा का प्रयास हुआ तो रोक दिया गया लेकिन अर्ध निर्मित भवन नहीं गिराए गए थे अवैध कब्जा करने वाले पर मुकदमा दर्ज करके उसकी गिरफ्तारी भी नहीं कराई गई है जिससे हौसले बुलंद हैं 3 दिन से फिर सेटिंग के बाद अवैध कब्जा शुरू हो गया तहसील प्रशासन और नगर पालिका परिषद मंझनपुर कब्जा रोकने में क्यों विफल है यह बड़ी जांच का विषय है।