कौशाम्बी

लोकसभा चुनाव में सपा से मतेश सोनकर के मैदान में आने से भाजपा की होगी विधानसभा जैसी दुर्गत

Shiv Kumar Mishra
6 July 2023 11:56 AM IST
लोकसभा चुनाव में सपा से मतेश सोनकर के मैदान में आने से भाजपा की होगी विधानसभा जैसी दुर्गत
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कौशाम्बी जिले की सियासी राजनीति में पूर्व काबीना मंत्री धुरंधर नेता इंद्रजीत सरोज का कम नहीं है रुतबा

कौशाम्बी केंद्र और प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बाद विधानसभा चुनाव 2022 में जिस तरह से इंद्रजीत सरोज के नेतृत्व में कौशांबी के तीनों विधानसभा चायल सिराथू मंझनपुर सीट पर भाजपा की दुर्गति करते हुए सपा प्रत्याशियों ने जीत का डंका बजाया विधानसभा सीट जीतने के बाद लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के नेताओं की नजर लगी है।

भाजपा के बैनर तले दो बार से लोकसभा चुनाव जीत चुके विनोद सोनकर को पटकनी देने के लिए समाजवादी पार्टी के नेता हर रणनीति बना रहे हैं। समाजवादी पार्टी से कौशांबी लोकसभा चुनाव जीतने की जिम्मेदारी पूर्व कबीना मंत्री और कौशांबी की राजनीति में धुरंधर इंद्रजीत सरोज को सौंपी गई है। सियासी राजनीत में इंद्रजीत सरोज काफी अनुभवी माने जाते हैं हर वर्ग पर उनकी मजबूत पकड़ है जन जन से। वह व्यक्तिगत परिचित है जब से समाजवादी पार्टी के सारथी इंद्रजीत सरोज बने हैं हर स्थान पर समाजवादी पार्टी की जय जय कार हो रही है।

पूर्व काबीना मंत्री धुरंधर नेता इंद्रजीत सरोज के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद बहुजन समाज पार्टी का एक बड़ा खेमा भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गया। जिससे समाजवादी पार्टी कौशाम्बी जिले में मजबूती की राह पर चल पड़ी है जिसका नतीजा विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी ने तीनों विधानसभा सीट चायल सिराथू और मंझनपुर पर अपने प्रत्याशियों को जीत दिला कर अपने मजबूती का प्रदर्शन दिखा दिया है लोकसभा चुनाव 2024 में किसी तरह भी कौशांबी लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी अपनी जीत का परचम फहराने का भरसक प्रयास कर रही है।

अभी से गुणा गणित शुरू हो गई है लोकसभा चुनाव में कौशांबी लोकसभा सीट से किस नेता को समाजवादी का प्रत्याशी बनाया जाए जिससे भाजपा का प्रत्याशी कमजोर पड़े इसी गुणा गणित में जिले की राजनीति में मजबूत पकड़ रखने वाले पूर्व मंत्री मतेश चंद्र सोनकर का नाम तेजी से चर्चा में आने लगा है भाजपा ने विनोद सोनकर को दो चुनाव से प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने जीत भी दर्ज की है सोनकर मतदाताओं को समाजवादी पार्टी की ओर लुभाने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं।

मतेश सोनकर के मैदान में आने के बाद यदि सोनकर मतदाता दो खेमे में बट गया तो भाजपा सांसद विनोद सोनकर के राह में कांटे कम नहीं होंगे और इसी प्रयास की कड़ी में समाजवादी पार्टी से मतेश चंद्र सोनकर का नाम लोकसभा चुनाव में तेजी से आने लगा है। यदि समाजवादी पार्टी ने मतेश चंद्र सोनकर को लोकसभा चुनाव में कौशांबी सीट पर मैदान में उतारा तो भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर की राह आसान नही होगी।

सुशील केसरवानी वरिष्ठ पत्रकार

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