कौशाम्बी

दर्जनों लकड़ी माफिया दर्जनों मजदूर लेकर हरे फलदार पेड़ों के कटान में है लिप्त

दर्जनों लकड़ी माफिया दर्जनों मजदूर लेकर हरे फलदार पेड़ों के कटान में है लिप्त
x
हरे फलदार पेड़ों को काटकर ईंट-भट्ठों में किया जा रहा भण्डारण ईट भट्ठों में प्रत्येक वर्षों में आग लगाने में 700 से 800 ट्रक हरी लकड़ियो की होती है खपत

कौशांबी। ईट भट्टे हमेशा से हरे फलदार पेड़ों के दुश्मन हैं ईट भट्टे की चिमनिया जब धुआं उगलती है तो आसपास के पेड़ झुलस जाते हैं और इन ईट भट्ठा में जब नवंबर दिसंबर के माह में ईटा पकाई के लिए आग लगाई जाती है तो लकड़ियों की जरूरत होती है और इन लकड़ियों को एकत्र करने के लिए ईट भट्ठा संचालक लकड़ी माफियाओं का सहारा लेते हैं लकड़ी माफिया हरे फलदार पेड़ काटकर ईट भट्ठों तक पहुंचा कर रकम ऐंठ लेते हैं लकड़ी माफिया तो सरकारी सड़क के किनारे हरे फलदार पेड़ों को भी काट कर ईट भट्टों में पहुचा देते हैं।

आंकड़ों के मुताबिक कौशांबी जिले में जायज नाजायज 200 से अधिक ईट भट्ठे संचालित हो रहे हैं और प्रत्येक भट्टे ईट में ईंट भराई के बाद आग लगाने में तीन चार ट्रक लकड़ियों की जरूरत होती है जिसकी पूर्ति लकड़ी माफिया करते हैं।

आंकड़ों पर जाएं तो ईट भट्टों में प्रत्येक वर्ष आग लगाने में 700 से 800 ट्रक लकड़ियों की खपत होती है और इस वर्ष भी भट्टों में लकड़ियों का लागभग भंडारण पूरा हो चुका है जिले के सैनी कड़ा पश्चिम सरीरा चरवा करारी कोखराज पइंसा थाना क्षेत्रों में दर्जनों लकड़ी माफिया दर्जनों मजदूर लेकर इलाके में हरे फलदार पेड़ों के कटान में पूरे दिन लिप्त हैं लेकिन थाना पुलिस और वन विभाग अवैध हरे पेड़ों की कटान से इंकार कर रही है रविवार को भी चरवा थाना क्षेत्र के बलीपुर टाटा गांव क्षेत्र से हरे पेड़ों को काटकर लकड़ी ले जाते ट्रैक्टर दिखाई पड़े हैं।

लकड़ी माफियाओं से वन विभाग के अधिकारियों और थाना चौकी पुलिस की सांठगांठ के बाद अब कहां पेड़ काटे जा रहे हैं इसके आंकड़े वन विभाग और थाना चौकी पुलिस के पास नहीं है आखिर कब तक हरियाली को नष्ट करने में विभागीय साठगांठ से लकड़ी माफिया सफल होते रहेंगे यदि आला अधिकारियों द्वारा ईट भट्ठा के औचक निरीक्षण किए गए तो अवैध हरी लकड़ियों का भंडारण अभी भी ईट भट्टों में मिल सकता है।



अभिषेक श्रीवास्तव

अभिषेक श्रीवास्तव

    Next Story