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- कुशीनगर में गंडक नदी...
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुशीनगर (Kushinagar) जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां खड्डा थाना क्षेत्र के सालिकपुर मौजा में गंडक नदी से निकली शाखा (सोता) को छोटी नाव से पार कर रहे दस मजदूर आज बुधवार की सुबह करीब आठ बजे अचानक डूबने लगे। वहां चीख-पुकार मच गई। कुछ दूरी पर खेतों में काम कर रहे दो व्यक्ति उनके बचाव में दौड़े, तब तक यह लोग नदी में गिर गए और डूबने लगे।
पुलिस ने गोताखोरों की मदद से जाल डालकर तीन महिलाओं का शव बरामद कर लिया, जबकि दो साहसी व्यक्तियों के प्रयास से सात लोगों को बचा लिया गया। क्षेत्रीय विधायक, डीएम, एसपी, एसडीएम तहसीलदार आदि घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि हनुमानगंज थाना क्षेत्र के बोधीछपरा गांव के निवासी मिश्री निषाद का खेत गंडक नदी के उस पार सालिकपुर मौजा के दियारा में है। खेत में गेहूं की फसल बोयी गई है। गेहूं की फसल काटने के लिए मिश्री ने पथलहवा गांव से मजदूर तय किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज बुधवार की सुबह मिश्री (55), आसमा (35), गुड़िया (18), सोनी (17), सूरमा (50), गुलशन (18), नूरजहां (16), कुमकुम (17), राबिया (16) और हुस्नआरा (15) सहित दस लोग पनियहवा रेल सह सड़क पुल पार करके पुल के सुरक्षा के लिए बने ठोकर के नोज तक पहुंचे। वहां पर नदी की एक शाखा (सोता) बहता है। उसे पार कर खेत में जाने के लिए छोटी नाव में सभी सवार हो गए।
नाव जैसे ही बीच में पहुंची, तभी असंतुलित होकर गहरे पानी में पलट गई। सभी डूबने लगे। शोर सुनकर कुछ दूर अपने खेत में काम कर रहे तूफानी व रतन दौड़ पड़े। दोनों ने नदी में तैरते हुए सात लोगों को बाहर निकाल लिया, लेकिन आसमा, गुड़िया व सोनी लापता हो गईं। इसकी जानकारी होते ही लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। खड्डा थाने के एसओ धनवीर सिंह, एसआई पीके सिंह, राजेश कुमार सहित सालिकपुर चौकी व थाने के पुलिसकर्मी पहुंच गए। स्टीमर व नाव से तीनों की तलाश शुरू हुई। जब पता नहीं चला तो मछली पकड़ने वाला बड़ा जाल डाला गया। लगभग दो घंटे की मेहनत के बाद तीनों के शव बरामद हो गए।
मौके पर मौजूद तहसीलदार खड्डा कृष्ण गोपाल त्रिपाठी के समक्ष शव का पंचनामा कराकर एम्बुलेंस से पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मृतकों के परिजनों को भरोसा दिलाया गया क्षेत्रीय विधायक विवेकानंद पांडेय, डीएम एस. राजलिंगम, खड्डा की एसडीएम उपमा पांडेय और तहसीलदार कृष्ण गोपाल त्रिपाठी ने मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी। उन्हें मदद का भरोसा दिलाया। एक ही परिवार के दो लोगों की मौत एक ही परिवार के दो लोगों की मौत के बाद परिजनों पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा। नाव हादसे में मरने वाली आसमा के पति समसुद्दीन का रो रोकर बुरा हाल है।
आसमा चार बच्चों की मां थी। इनके बच्चे गोलू, शारजहां, नूरजहां, अरहम का रो रोकर बुरा हाल है। समसुद्दीन कहते हैं कि उनकी पत्नी सुबह मजदूरी पर गेहूं काटने घर से निकली थी। क्या पता था कि अब कभी वापस नहीं लौटेगी। दूसरी मृतका समसुद्दीन की भतीजी थी। ससुराल जाने से पहले ही दुनिया से विदा हो गई गुड़िया-रिश्ते में समसुद्दीन की भतीजी गुड़िया की इसी जून महीने में शादी होने वाली थी। सब तैयारी हो गई थी। रोते बिलखते परिजन बताए कि शादी के लिए कुछ सामान भी लड़के वालों को दे दिया गया था। अरमान था कि हाथों में मेंहदी लगाकर ससुराल जाएगी, लेकिन क्या पता था कि उपर वाला असमय बुला लेगा।