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शेर को मिला सवा शेर: जब गालीबाज डीएम को थानेदार ने दिखाई औकात दर्ज किया तस्करा

शेर को मिला सवा शेर: जब गालीबाज डीएम को थानेदार ने दिखाई औकात दर्ज किया तस्करा
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डीएम के निर्देश पर एसपी ने किया थानेदार को लाइन हाजिर, डीएम काफी है सरकार की छवि बिगाडने के लिए

संजय चाणक्य

कुशीनगर: आखिरकार शेर को सवा शेर मिल ही गया। जी हा ! हम बात कर रहे है जनपद के गालीबाज जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी की ! जिनकी बेअन्दाजी और मातहतो की मा-बहन करने के घटिया स्टाईल से पूरा जनपद वाकिफ है।


हुआ यह कि जिले के पटहेरवा थाने के एसओ निर्भय नरायण सिंह को जिलाधिकारी वामसी अपने चेम्बर में बुलाकर अपने बेअंदाज स्टाईल में डीएमगिरी का रौब दिखा रहे थे। इस दौरान एसओ ने जब डीएम के सामने अपना पक्ष रखने का प्रयास किया तो साहब बिदक गए और एसओ को अपने चेम्बर से भगा दिया। जिलाधिकारी के क्षुब्ध आचरण से आहत एसओ सीधे पटहेरवा थाने पहुचे जहा अपने साथ हुए बदसलूकी के लिए जिलाधिकारी के खिलाफ तस्करा दर्ज कर अपने उच्चाधिकारयिों को रिपोर्ट की। इधर बेअन्दाज जिलाधिकारी ने थानेदार पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जिस पर एसपी यमुना प्रसाद ने एसओ पटहेरवा को लाइनहाजिर कर दिया है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या जिलाधिकारी के निर्देश पर जिलाधिकारी के चेम्बर में पहुचे एसओ बदसलूकी करने की हिमाकत कर सकता है।



बेशक ! योगी सरकार में नौकरशाहों की बेअंदाजी सिर चढकर बोल रहा है। नतीजतन जनता के साथ साथ सत्ता दल के नेता भी अपने ही सरकार में जिले के आला अधिकारियों के बेरूखी से त्रस्त है। सूबे के कुशीनगर जनपद भी इसी बानगी का शिकार है। चर्चा सरेआम है कि आईएएस आन्द्रा वामसी जब से कुशीनगर जनपद में बतौर जिलाधिकारी के रूप में आये है तब से सरकारी महकमा से लेकर सत्ता दल के नेता व आम जनमानस योगी सरकार को कोस रही है। वह इस लिए नही कि जिलाधिकारी बहुत ईमानदार है, भ्रष्टाचार विरोधी है और सरकार के मंशा के अनुरूप कार्य कर रहे है। बाल्कि इस लिए योगी सरकार को कोस रही है कि सूबे सरकार ने गालीबाज और बेअन्दाज आईएएस अफसर को कुशीनगर जनपद का जिलाधिकारी बनाकर कौन सा उपलब्धि अपने नाम दर्ज कराने का प्रयास कर रही है।
क्या है मामला....
जनपद के लबनिया स्थित विद्यावती देवी महिला महाविद्यालय परिसर में बीते दिनो हुए बवाल के बाद दोषियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारी ने उस समय एसओ पटहेरवा को निर्देश दिया था जब वह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि महाविद्यालय मे शिरकत किए थे। बताया जाता है कि प्राचार्य व स्टाफ से बदसलूकी के मामले में महाविद्याालय के एक कर्मचारी के तहरीर पर दर्ज मुकदमे की विवेचना सीओ तमकुहीराज कर रहे है। डीएम के निर्देश के तीन दिन बाद भी जब कोई कार्यवाही नही हुई तो जिलाधिकारी श्री वामसी ने एसओ पटहेरवा निर्भर नरायण सिंह को अपने आफिस में तलब किया। बताया जाता है कि जिलाधिकारी के निर्देश पर एसओ पटहेरवा श्री सिंह डीएम कार्यालय पहुचे। सूत्रो की माने तो अपने चेम्बर में एसओ पटहेरवा को देख डीएम श्री वामसी का पारा सातवें आसमान पर चढ गया। उन्होने ने एसओ श्री सिंह को फटकार लगाते हुए कहा कि'' जब मजिस्ट्रेटी जांच में आरोपी दोषी पाए गए हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं किए। मेरे आदेश का तुम्हारे लिए कोई मतलब नही।'' इस पर एसओ ने अपना पक्ष रखते हुए डीएम को बताया कि मुकदमे की विवेचना सीओ तमकुहीराज कर रहे हैं इस लिए मेरे स्तर से कुछ भी नहीं किया जा सकता। इतना सुनते ही डीएम भडक उठे। उन्होने एसओं को डीएमगिरी का पूरा रौब दिखाते हुए बुरा-भला और खरी-खुटी सुनाकर चेम्बर से भगा दिया। कहने वाले तो यह भी कहते है कि डीएम अपने आचरण के अनुरूप थानेदार को गाली देकर अपने चेम्बर भगाए। अब इसमे कितनी सच्चाई है यह तो डीएम और एसओ ही बता सकते है। लेकिन इस बात से इन्कार नही किया जा सकता है कि जिलाधिकारी ने एसओ के साथ बदसलूकी नही की है। अगर ऐसा होता तो एसओ पटहेरवा निर्भय नरायण सिंह डीएम द्वारा किए गए दुर्व्यवहार का पूरा विवरण जीडी में तस्करा के रूप में दर्ज कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को नही भेजते। सूत्र बताते है कि डीएम की खरी.खुटी सुनकर आहत हुए एसओ सीधे पटहेरवा थाने पहुंचे और डीएम द्वारा किए गए बदसलूकी का पूरा विवरण जीडी में तस्करा के रूप में दर्ज कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दिया।

पूर्व मे भी डीएम अपने मतहतो के साथ कर चुके बदसलूकी
कहना न होगा कि जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी के बदसलूकी के शिकार हुए पटहेरवा थानेदार निर्भय नरायण सिंह पहले सरकरी मुलाजिम नही है। श्री सिंह से पूर्व भी जिले के तमाम अधिकारी व कर्मचारी भी जिलाधिकारी श्री वामसी के न सिर्फ बदसलूकी के शिकार हुए है बल्कि सीधे तौर पर गाली भी सुन चुके है। कहने वाले कहते है कि कुशीनगर जनपद मे आते ही जिलाधिकारी श्री वामसी ने सबसे पहले सीडीओ को अपने बेअन्दाज आचरण का नमूना दिखाकर सरकारी महकमे को खौफजादा किया था। यह घटना एयरपोर्ट निरीक्षण के दौरान की है । जब डीएम ने सार्वजनिक तौर पर तत्कालिन सीडीओ को अपने दुर्व्यहार का शिकार बनाया था। मजे की बात यह है तत्कालिन सीडीओ के साथ डीएम का यह रवैया कभी नरम नही रहा। इसके अलावा जिलाधिकारी श्री वामसी के गुस्से का शिकार कलेक्ट्रेट के नाजीर को उस समय होना पडा था जब डीएम कार्यालय का एसी खराब हुआ था। उस समय इस बात की चर्चा पूरे कलेक्ट्रेट मे थी की एसी खराब होने के कारण डीएम श्री वामसी ने अपने कर्मचारी की न सिर्फ मां.बहन किए है बल्कि उस कर्मचारी पर हाथ भी छोडे है। इसको लेकर कर्मचारियों मे रोष भी व्याप्त हुआ था लेकिन बाद मे पीडित कर्मचारी ने डीएम द्वारा हाथ छोडने की घटना से इन्कार करते हुए मामले का पटाक्षेप करने का जोर दिया जाने लग, और मामलें को दबा दिया गया। इतना ही नही कहा जाता है कि डीएम के बदसलूकी के शिकार उनके ड्राइवर व चपरासी अक्सर होते है।

जनप्रतिनिधि भी नही बचे है डीएम के बदसलूकी से
जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी के बदसलूकी का शिकार सिर्फ सरकारी महकमा ही नही जनप्रतिनिधि भी होते रहे है। सत्ता दल के नेता हो या फिर अन्य राजनौतिक दल के जनप्रतिनिधि सभी डीएम श्री वामसी के बेअन्दाजी से अच्छी तरह से परिचित है। कहना लाजमी है कि डीएम के रवैये से अपमानित होकर भाजपा नेताओ व विधायकों ने कई बार प्रभारी मंत्री से भी शिकायत कर चुके है। सत्ता दल के नेता आज भी कहते है कि डीएम वामसी कुछ दिन और कुशीनगर मे रह गए तो भाजपा को कार्यकर्ता ढूढने से भी नहीं मिलोगे। बताया जाता है कि नगर पालिका चुनाव से पहले जगदीशपुरम कालोनी को नगर पालिका पडरौना मे जड़ने की माँग को लेकर कालोनीवासियों के साथ जदयु नेता श्यामबाबू मोदनवाल जिलाधिकारी श्री वामसी के पास जब गए तो डीएम ने उन्हे अपने चेम्बर मे ही बैठने का निर्देश दिया। फिर मौजूद फरियादियों को जल्दी.जल्दी निपटाकर जिलाधिकारी ने पहले तो श्री मोदनवाल की क्लास लिए बाद मे हडकाना शुरु कर दिया। यहा तक की डीएम ने नेताजी को पुलिस के हवाले कर सारी नेतागिरी भुलवाने की धमकी देते हुए खरी.खुटी सुनाने से भी परहेज नहीं किए।

डीएम काफी है सरकार की छवि बिगाडने के लिए
कहना न होगा कि सरकारी महकमा और सत्ता दल के नेता जिलाधिकारी के बेअन्दाज रवैये से त्रस्त है वहीं गैर भाजपाई इस बात से पूरी तरह इतमिनान है कि डीएम की कार्य प्रणाली से खुद.ब.खुद सरकार की छवि खराब हो रही है और सत्ता दल के कार्यकर्ताओ मे अपने सरकार के खिलाफ असन्तोष व्याप्त है हमें आन्दोलन करने की क्या जरूरत है।

कितना दम है डीएम के आरोप मे
अपने चेम्बर से एसओ पटहेरवा निर्भय नरायण सिह को खदेडने के बाद पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद को दिए अपने निर्देश मे जिलाधिकारी श्री वामसी ने एसओ पर बदसलूकी करने व आनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की बात कही। अब सवाल यह उठता है कि एसओ श्री सिंह को डीएम ने खुद अपने कार्यालय में तलब किया था। डीएम के निर्देश पर ही एसओ डीएम के चेम्बर मे पहुचे। स्वभाविक सी बात है एसओ जिलाधिकारी के चेम्बर मे पहुचते ही सबसे पहले ''सैल्यूट के साथ जयहिन्द बोले होगे।'' फिर जिलाधिकारी मामले मे कार्रवाई की बात शुरु किए होगे। उसके बाद एसओ द्वारा मामले की विवेचना से अवगत कराते हुए अपना पक्ष रखा गया होगा। ऐसे एसओ द्वारा बदसुलूकी और अनुशासनहीनता की बात कहा तक तर्कसंगत है।

बोले एसपी
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद का कहना है कि यह सही है कि मुकदमे की विवेचना सीओ तमकुहीराज कर रहे हैं। मजिस्ट्रेटी जांच रिपोर्ट के बिन्दुओं को विवेचना में शामिल करना विवेचक के विवेक पर निर्भर है। डीएम ने विद्यावती देवी महिला महाविद्यालय के मामले में कार्रवाई के लिए एसओ पटहेरवा निर्भय नरायण सिंह को बुलाया था। इस दौरान डीएम और एसओ में क्या बात हुई यह डीएम ने मुझे बताया और साथ में यह भी बताया कि एसओ ने उनके साथ बदसलूकी की है। लिहाजा मैंने एएसपी को पूरे मामले की जांच सौंपते हुए जांच रिपोर्ट आने तक एसओ पटहेरवा लाइन हाजिर कर दिया है।

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