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सात साल पुराने मामले में कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को लखीमपुर की अदालत ने किया बरी
सात साल पुराने मामले में जितिन प्रसाद को लखीमपुर की अदालत ने बरी कर दिया है। जितिन प्रसाद पर 2014 में आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था। लखीमपुर की कोर्ट में गुरुवार को आचार संहिता मामले में सुनवाई थी, जिसकी पेशी पर जितिन प्रसाद खीरी पहुंचे थे। एमपी-एमएल कोर्ट (एडीजी तृतीय) में बहस शुरू हुई।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों को पर्याप्त नहीं माना और कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को आरोप मुक्त करते हुए उन्हें बरी करने का फैसला सुनाया।
आपको बता दें कि 2014 में जितिन प्रसाद ने अनुमति से ज्यादा वाहनों का प्रयोग करते थे चुनाव प्रचार किया था। चुनाव प्रचार में अनुमति से ज्यादा दो पहिया और चार पहिया के वाहनों के शामिल होने की खबर जब प्रशासन को लगी तो वीडियोग्राफी कराई गई।
जितिन के रोड शो के दौरान कई स्थानों पर जाम की स्थिति भी बनी थी, जिससे लोगों को काफी परेशानी हुई थी। इसके बाद प्रशासन ने आचार संहिता के उल्लंघन में जितिन प्रसाद पर मितौली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। फिलहाल जितिन प्रसाद कुछ समय पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हें। जितिन प्रसाद कांग्रेस की केन्द्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं।