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फ़ाइल फोटो
आपने पुलिस का असलहा गुम होते सुना होगा. वर्दी चोरी होते हुए सुनी होगी. गहने पैसे चोरी करते सुना होगा, पर पुलिस की पगार गुम होने की खबर कभी नहीं सुनी होगी. पर यूपी के लखीमपुर खीरी जिले की पुलिस की पगार ही गुम हो गई है. पूरे जिले के पुलिसकर्मियों के वेतन गायब होने से पुलिस विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है. हाल ये है कि सोशल मीडिया पर पुलिस के इंस्पेक्टर से लेकर हवलदार तक चुटकी भी ले रहे हैं, वहीं कुछ वेतन गुम होने से परेशान भी हैं. पुलिस वेतन की बरामदगी के लिए रात दिन एक किए हुए है.
दरअसल आमतौर पर पुलिसकर्मियों का वेतन महीने की पहली तारीख को मिल जाता है. ट्रेजरी में वेतन बिल दाखिल होने के बाद ऑनलाइन व्यवस्था के तहत खातों में पगार की रकम पहुंच जाती है. लेकिन इस बार जुलाई की 4 तारीख हो गई, पर जिले के सीओ से लेकर पुलिसकर्मियों के खातों में पगार की रकम नहीं पहुंच पाई है. 4 दिन बाद भी वेतन न आने से पुलिसकर्मियों में खलबली मच गई है. आखिर वेतन गुम कहां हो गया, इसे लेकर अटकलें और चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
वेतन को बरामद कौन करेगा, इसको लेकर भी बतकही जोरों पर है. पुलिस आॅफिस से लेकर नेपाल बॉर्डर तक के चौकी-थानों में वेतन गुम होने को लेकर हंगामा है. पुलिस एकाउंट आफिस में भी वेतन बरामदगी के लिए रात दिन एक करके अकाउंट विभाग के कर्मचारी जुटे हुए हैं. पुलिस आफिस में रात बारह-बारह बजे तक जगकर पुलिसकर्मी तहकीकात कर रहे हैं. बात पुलिस से जुड़ी है और करोड़ों रुपए का वेतन गुम होने का मामला हो तो सोशल मीडिया भी कहां पीछे रहने वाला. कुछ पुलिसकर्मी वेतन गुम होने से तनाव में हैं तो कुछ चुहलबाजी कर रहे हैं.
पुलिसकर्मी अपने व्हाट्सएप्प ग्रुपों पर भी वेतन के गुम होने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं. वहीं थानों चौकियों पर तैनात इंस्पेक्टर, सिपाही वेतन गुम होने को लेकर इतना परेशान नहीं, जितना बेचारे लाइन में और साइड पोस्टिंग में पड़े पुलिसकर्मी हैं. क्योंकि उनका खर्च तो वेतन से ही निकलता है. वेतन गुम होने की चर्चा पुलिसकर्मियों के परिवारों तक भी पहुंच गई हैं. पुलिसकर्मियों की पत्नियां किचन के खर्चे को लेकर परेशान हैं.
खीरी पुलिस का वेतन गुम हो जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक दरोगा जी तंज कसते हुए लिखते हैं,'लगता है वेतन बरामदगी को लेकर एसटीएफ लगानी पड़ेगी.' वहीं एक एचसीपी कहते हैं 'मकान की ईएमआई चल रही है. ब्याज कौन देगा? कोई गाड़ी की किश्त के लिए परेशान है तो कोई परिजनों की बीमारी और बच्चों की फीस को लेकर. सिपाही भी वेतन को लेकर फिक्रमंद हैं, कह रहे लगता कुछ व्यवस्था करनी होगी? कोई कह रहा वेतन बरामदगी को सीबीआई न लगानी पड़े?
उधर खीरी के एसपी रामलाल वर्मा से जब वेतन के गुम होने को लेकर सवाल किया तो बोले कि वेतन बिल बनने में विलम्ब होने की वजह से लेट हो गया. एकाउंट विभाग पुलिस कर्मियों का टीए, डीए बनाने में लापरवाही करता है. शिकायत मिली थी. इसीलिए पहले उसे क्लियर करने को कहा गया है, इसी वजह से दो दिन वेतन लेट हो गया है. अकाउंटेंट को आज ही वेतन बिल ट्रेजरी भेजने के निर्देश दिए गए हैं. वेतन गुम होने जैसी कोई बात नहीं है. जल्द खातों में पहुंचेगा.
शिव कुमार मिश्र
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