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- लखीमपुर: सरकार के लिए...
लखीमपुर: सरकार के लिए केवल लोग मरे हैं, और यहां है कि हमारे हाथ कट गए
इन तस्वीरों को ध्यान से देखो, शायद ही इस घटना की असली जानकारी सबको हो पाई हो कि लखीमपुर खीरी में हमारे 6 किसान इस दमनकारी सरकार से लोहा लेते हुए शहीद हो गए।
इनको केंद्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी से कुचल दिया गया।इनका कसूर इतना था कि तीन काले कानून(कृषि कानून) के विरोध में मंत्री जी को काले झंडे दिखा रहे थे।
लेकिन क्या फर्क पड़ता है साहब किसान ही तो मरे है बस,केवल 6 किसानो को ही तो कुचला है।। और इससे पहले MP के मंदसौर में भी बस 6 किसानों को ही तो गोली मारी थी।।ह्म्म्म,.......बस किसान मजदूर ही तो मरा है साहब क्या फर्क पड़ता है! किसान की जिंदगी ही तो सस्ती बची है इस देश साहब। बाकी सब कुछ तो महँगा है।जहाँ एक सुशांत की मौत पर CBI जांच बैठ जाती है और पुलवामा हमले में 42 जवानों के मरने पर सरकार पाकिस्तान की निंदा करके पल्ला झाड़ लेती है। उस देश में जवान और किसान की जिंदगी की कीमत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
जनाब दर असल ये सड़क जाम करना, शांति पूर्ण धरना देना, काले झंडे दिखा कर अपना विरोध दिखाना। ये सब सरकार पर दबाव बनाने के अपने अपने तरीके है जो कानूनन अपराध नही है।
अंग्रेजो के जमाने में जब भी अंग्रेज कोई उल्टा जन विरोधी कानून लाते थे या बिना मतलब टैक्स बढाते थे तब उस वक़्त भी आंदोलन होते थे और उस वक़्त भी ठीक इसी तरहअंग्रेजो द्वारा लोगो को मारकर आंदोलन खत्म कराने की कोशिश की जाती थी।
मगर अंग्रेजो के क्रूर शाशन में भी लोकतंत्र जिंदा था। जो अब खत्म हो चुका है। उस वक्त जब जेल में अच्छा खाना नही मिलने पर भगत सिंह द्वारा भूख हड़ताल की गई तो अंग्रेज हुकूमत झुकी और उनकी मांगें मानी गयी।
आज तो आप हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाओ और बस सब खत्म ।कुचल दिया जाएगा आपको।
इससे बड़ी गुलामी नही आएगी अब....
हम दोबारा और पहले से ज्यादा गुलाम हो चुके है।
इस नरसंहार को देखकर अगर किसान का खून नहीं खोला तो वह किसान का खून ही नहीं है ! मैं किसानों के साथ हूं! किसानों के साथ ही रहूंगा!
सरदार वी एम सिंह को लखीमपुर खीरी जाते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा छिजारसी टोल पर रोक कर हिरासत में लिया गया है - एसपी डीएम मौके पर जयंत चौधरी को रोका गया यानी मतलब कोई भी वहाँ नही जाएगा जहा तुमने इतना बड़ा पाप कर दिया। अब उस पाप को जनता को देखने भी नही दोगे। और इसी वजह से लखीमपुर खीरी में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी ताकि वहाँ की असली खबर सब को न पता चले।
और न्यूज़ चैनल तो गोदी मीडिया है ही चमचागिरी करने को । दमनकारी सरकार लाठी चला सकती है, सच को छुपाने के लिए लोगों को कुचल सकती है।लेकिन, ये हमारी हिम्मत को नहीं तोड़ सकते, हमारे विचार को खत्म नहीं कर सकते।लोगों के अधिकारों के लिए हम लड़ेंगे, न्याय हम लेकर रहेंगे।
- नकुल भैया