ललितपुर

UP : ललितपुर में सरकारी स्कूल की दीवार पर ब्राह्मणों के खिलाफ स्लोगन, हेडमास्टर समेत 2 सस्पेंड

Arun Mishra
20 Jan 2021 1:07 PM GMT
UP : ललितपुर में सरकारी स्कूल की दीवार पर ब्राह्मणों के खिलाफ स्लोगन, हेडमास्टर समेत 2 सस्पेंड
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स्कूल की दीवारों पर ब्राह्मणों के खिलाफ स्लोगन लिखे गए थे, बाद में इसकी फोटो वायरल हो गईं.

ललितपुर : यूपी के ललितपुर जिले के एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर और एक सहायक टीचर को कथित तौर पर ब्राह्मणों को बदनाम करने के बाद निलंबित कर दिया गया है. स्कूल की दीवारों पर ब्राह्मणों के खिलाफ स्लोगन लिखे गए थे, बाद में इसकी फोटो वायरल हो गईं.

रविवार को जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) स्कूल में स्मार्ट क्लास का उद्घाटन करने गए थे. तभी कार्यक्रम के दौरान फोटो में स्लोगन दिखे. बीएसए ने सोमवार को दलित समुदाय से आने वाले हेडमास्टर अनिल कुमार राहुल और सहायक टीचर कादिर खान को निलंबित कर दिया है. अभी बीईओ की तरफ से जांच रिपोर्ट पेंडिंग है.

वहीं कुछ संगठनों ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. जिलाधिकारी अन्नवी दिनेशकुमार ने मंगलवार को कहा कि जिला प्रशासन ने घटना का पता चलते ही घंटेभर में स्कूलों की दीवारों से विवादित स्लोगन को हटा दिया था. उन्होंने बताया कि रविवार को स्कूल में एक स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया गया था और बीएसए स्थानीय बीईओ बृजेश सिंह के साथ थे. जैसे ही उद्घाटन की फोटो मीडिया को दी गईं, वहीं से ये सोशल मीडिया पर चला गया. एक स्थानीय ब्राह्मण संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने इसका विरोध करते हुए इसके खिलाफ ज्ञापन दिया.

आपत्ति के बाद सोमवार को दोनों के खिलाफ निलंबन का आदेश दिया गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. घटना के संबंध में एफआईआर दर्ज करने की मांग के बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी ने कहा कि जांच रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद इस पर विचार किया जा सकता है.

वहीं सर्व ब्राह्मण महामंडल नाम के एक संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर बीएसए और बृजेश सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि स्लोगन देखकर वो काफी खुश हो रहे थे. बीएसए रामप्रवेश ने कहा कि ये मामला सोशल मीडिया पर वायरल है और इस तरह की चीजें कभी भी किसी को स्कूल में नहीं करनी चाहिए क्योंकि ये चीजें छात्रों को प्रभावित करती हैं. इस विशेष स्कूल में प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल हैं. अधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन ये नहीं जानता कि किसने स्कूल की दीवार पर बोली लिखने की अनुमति दी है.

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