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क्या चढ़ गये गुंडे हाथी पे, बीजेपी मिलायेंगे माटी में?
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहिन कुमारी मायावती के 63 वें जन्मदिन को सपा बसपा ने सयुंक्त रूप से बड़ी धूमधाम से मनाया गया. इस बार के जन्मदिन पर सबसे बड़ी बात यह थी कि इस बार सपा बसपा के सभी नेता केक काटकर उनको बधाई दे रहे थे. सब अंदर से प्रफुल्लित नजर आ रहे थे. अब नारा भी बदल जाएगा. 'चढ़ गये गुंडे हाथी पे बीजेपी मिलायेंगे माटी में' नया नारा होगा. जिससे बीजेपी में खलबली मची हुई है तो यूपी में अंतिम सांस ले रही कांग्रेस भी बेचैन है.
आज के जन्मदिन में सबसे बड़ी बात यह थी कि पूर्व से लेकर पश्चिम तक दक्षिण से लेकर उत्तर तक सपा बसपा के कई धुर विरोधी और एक दूसरे के दुश्मन एक मंच पर नजर आये. सब एक दूसरे को केक खिलाकर जन्मदिन की बधाई दे रहे थे. जैसे पूर्व में कई जिलों में सपा और बसपा नेता एक दूसरे की जानी दुश्मन ही नहीं देखना तक नहीं पसंद करते थे.
गाजीपुर में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह , पूर्व मंत्री विजय मिश्र और अंसारी परिवार जब एक मंच पर दिखा तो सपा बसपा समर्थकों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. देखने से ही लग रहा था यह ख़ुशी जल्द ही सैलाब में बदल जायेगी जब लोकसभा चुनाव में मोहर लगेगी तब.
इसी तरह का नजारा पश्चिम के एक जिले एटा में देखने को मिला जहां मंच पर जब सपा के पूर्व विधायक रामेश्वर यादव , पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेन्द्र सिंह यादव और उनके धुर विरोधी पूर्व मंत्री अवधपाल सिंह यादव जब एक ही माला में नजर आये तो उनके समर्थकों की ख़ुशी देखने लायक थी.
ये वो लोग इकठ्ठे हो रहे थे जिनके आपस में कई लोग भी जान गंवा चुके है तो खुद मंत्री जी भी जेल की हवा खा चुके है. जबकि सपा नेताओं को जेल में जाने की भी उम्मीद लग रही है. अब चूँकि इस एका से आपसी मतभेद भी खत्म होने की उम्मीद है.
अब जब इस तरह एक दूसरे के धुर विरोधी जब एक मंच पर नजर आयेंगे तो इस गठबंधन के सैलाब में कई बड़ी पार्टियाँ अपनी तबाही का मंजर भी देख सकती है. जब उनके मुताबिक सीटों के परिणाम भी नहीं आयेगें. इससे जहाँ बीजेपी और कांग्रेस खेमें में भी खलबली मची हुई है. इस तरह के एका की उनको भी कतई नहीं थी कि जब सभी सपा के नेता बहिन जी का जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मना रहे थे.
उधर इस खुश खबरी से सपा बसपा के शिर्षथ नेत्रत्व भी खुश नजर आ रहा था. अगर यह लोग इसी तरह लोकसभा चुनाव में उतरे तो किसी के पास कोई जबाब नहीं होगा और इसका सबसे बड़ा खामियाजा बीजेपी को उठाना पड़ेगा.
बता दें की सबसे बड़ा नारा देकर 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. नारा था 'चढ़ गुंडों की छाती पर मुहर लगेगी हाथी पर' अब इस नारे के मायने बदल गए है. गुंडे चढ़ गये हाथी पे बीजेपी मिलायेंगे माटी में' देकर बीजेपी को प्रदेश से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा.