लखनऊ

विपक्षी दल मोर्चा संयोजक केशव चन्द्र ने भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर को दी चेतावनी

Special Coverage News
16 March 2019 3:44 PM GMT
विपक्षी दल मोर्चा संयोजक केशव चन्द्र ने भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर को दी चेतावनी
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लखनऊ। विपक्षी दल मोर्चा संयोजक व बहुजन विजय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव चन्द्र ने भीम आर्मी मुखिया चंद्रशेखर को चेतावनी दी है। वाराणसी से प्रधानमंत्री के विरूद्ध घोषित विपक्षी दल मोर्चा उम्मीदवार केशव चन्द्र ने कहा है कि विभाजनकारी ताकतों के हाथों का खिलौना बनने से बेहतर है कि चंद्रशेखर युवा वर्ग को बहकाने के बजाय राष्ट्रहित में अपनी ऊर्जा का प्रयोग करें।

विपक्षी दल मोर्चा संयोजक केशव चन्द्र ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि दलित समाज को चंद्रशेखर से गंभीर खतरा है क्योंकि वे डा. भीमराव अम्बेडकर के नाम पर आर्मी चलाने के बावजूद उनकी शिक्षाओं से कोसों दूर हैं तथा विपरीत दिशा में जाकर डा. अम्बेडकर बनने का सपना देख रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि डा. अम्बेडकर ने अपने लाखों समर्थकों के साथ नागपुर में बौद्ध धर्म स्वीकार किया था और डा. अम्बेडकर देश के नौजवानांे को दिगभ्रमित कर डा. अम्बेडकर नहीं बने थे। इसके पीछे उनकी योग्यता थी व राष्ट्र निर्माण की भावना थी। चंद्रशेखर के अन्दर ये दोनों नहीं हैं। उनके अन्दर सिर्फ और सिर्फ नफरत है। ये नफरत के सौदागर हैं तथा देश को तोड़ना चाहते हैं। समाज को बांटकर दलित नेता बनना चाहते हैं तथा सत्ता का वही पुराना घिसा-पिटा खेल खेलना चाहते हैं जो कांग्रेस व सपा-बसपा आदि अन्य पार्टियां अपने जन्म के साथ करती आयी हैं।

चंद्रशेखर को आड़े हाथों लेते हुए केशव चन्द्र ने कहा कि दिगभ्रमित लोग कभी भी समाज को सही राह नहीं दिखा सकते। चंद्रशेखर पहले भीमराव अम्बेडकर को पढ़ें व बतायें कि डा. अम्बेडकर ने दलित व सवर्णों के बीच नफरत की दीवार खड़ा करने को कब कहा है? उन्होंने कहा कि डा. अम्बेडकर के नाम पर आर्मी चलाने वाले चंद्रशेखर को पता होना चाहिए कि डा. अम्बेडकर की प्रतिभा को पहचानकर सर्वप्रथम एक ब्राम्हण राजा ने ही उनकी शिक्षा की व्यवस्था की थी।

बहुजन विजय पार्टी अध्यक्ष ने खुली चुनौती देते हुए कहा कि चंद्रशेखर दलित समाज के ठेकेदार नहीं हैं, वे दलित समाज के स्वयंभू नेता हैं तथा वाराणसी में उनके जनाधार की पोल खुलकर रहेगी। उन्होंने सवाल उठाया कि जब डा. अम्बेडकर ने जाति-विहीन, वर्ग विहीन समाज की स्थापना के साथ ही देश के उत्पादन के साधनों को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने की बात की तब उनका चिंतन राष्ट्रवादी था। जबकि स्वयं अपने को सामाजिक आन्दोलनकारी बताने वाले चंद्रशेखर वाराणसी से मोदी को हराने की बात सिर्फ व्यक्तिगत प्रतिशोध के नाते करते हैं। न तो उनका कोई सकारात्मक चिंतन है न ही कोई राष्ट्रीय चेतना जिसकी उन्हें सख्त जरूरत है।

केशव चन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री के विरूद्ध वे स्वयं भी लड़ रहे हैं किंतु यह भारतीय जनता पार्टी व बहुजन समाज की प्रतिनिधि बहुजन विजय पार्टी के बीच विचारधारा की लड़ाई है। बहुजन समाज के लोग, राजनीतिक दल व वाराणसी की प्रबुद्ध जनता हमारे साथ हैं तथा विपक्षी दल मोर्चा को जनता से आशीवार्द व सहयोग मिल रहा है।


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