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अनुदेशकों की सुप्रीमकोर्ट में अब 18 सितंबर को होगी सुनवाई, आखिर क्यों बार बार बढ़ रही है तारीख
उत्तर प्रदेश के उच्च प्रार्थमिक विधालय मे कार्यरत अनुदेशक की समस्या कम होती प्रतीत नजर नहीं आ रही है। जहां मई माह में अनुदेशकों के द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई मई में एक बार होने के बाद अब तक दुबारा नहीं हो सकी है। जबकि इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर की गई अपील की सुनवाई बीते 14 अगस्त को जरूर हुई। इस अपील को सुप्रीमकोर्ट ने इसी याचिका में जोड़ दिया और सरकार से 17000 देने के बात कोर्ट में कही। जबकि अपने ऑर्डर में 17000 हजार दिए जाने का जिक्र नहीं किया।
अनुदेशक इस केस की सुनवाई को लेकर काफी चिंतित है कि आखिर उसके केस की सुवनाई कब होगी। इस केस में पिछले जुलाई माह से लगातार कंप्यूटर जनरेटिड तारीख बढ़ती चली जा रही है। लगातार एक सप्ताह के बाद की तारीख मिल जाती है। अभी 12 सितंबर को सुनवाई की उम्मीद की जा रही थी लेकिन अभी G 20 की बैठक होने के कारण 8 सितंबर से 11 सितंबर तक दिल्ली मे लॉक डाउन लग रहा है एसे में कोर्ट के चार दिन बैकलोग को आगे करने की वजह से तारीख भी आगे बड़ाई गई है। एसा अधिवक्ता गणों का मानना है हालांकि अभी यह नहीं कह सकते कि सुनवाई 18 सितंबर से पहले भी हो सकती है।
उधर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा राज्य सरकार को जारी किये गए नोटिस का भी जबाब सरकार के द्वारा दाखिल किया जा चुका है अब बस एक बार सुवनाई हो जाए तो सब रास्ता साफ हो सके। फिलहाल कोर्ट के मामले में पचड़ा फंसा हुआ है। अब अनुदेशक की निगाह सुप्रीम कोर्ट की ओर टिकी हुई है। आखिर कब तक कष्ट सहना पड़ेगा।
अनुदेशक का मानना है कि अब दस वर्ष संघर्ष करते करते हम लोग थक चुके है। अब केवल सुप्रीमकोर्ट ही सहारा दिख रहा है। जिस तरह से शुरुआती दौर में लगातार सुनवाई के दौरान अनुदेशकों के पक्ष में दम दिखी उससे अनुदेशकों की आशा बढ़ गई है इस लिए लगातार कोर्ट की तरफ निगाह लगाए बैठा है कि कब उसकी सुनवाई हो और एक अच्छा नतीजा सामने आए।
बता दें कि इससे पहले अनुदेशकों के साथी अपनी याचिका को लेकर सिंगल बैंच और डबल बैंच में जीत चुके है। अब इस केस को 17000 मानदेय सरकार से दिलाए जाने के लिए अनुदेशक सुप्रीमकोर्ट गए है, वहीं राज्य सरकार ने एक अपील 17000 हजार दिए जाने के आदेश के खिलाफ अपनी अपील डाली थी जो अब इसी केस में अटैच कर दी गई है। एक तरह से उनकी अपील खारिज कर दी गई है। फिलहाल सरकार ने कोर्ट के द्वारा जारी किये गए नोटिस का जबाब कोर्ट में दाखिल कर दिया है।
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