लखनऊ

कांग्रेस के ग्यारह उम्मीदवार घोषित होने के बाद मची खलबली, सपा बसपा कर सकती है अब ये ऐलान सुनकर उड़ जायेगी कांग्रेस की नींद

Special Coverage News
9 March 2019 12:20 PM GMT
कांग्रेस के ग्यारह उम्मीदवार घोषित होने के बाद मची खलबली, सपा बसपा कर सकती है अब ये ऐलान सुनकर उड़ जायेगी कांग्रेस की नींद
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अखिलेश यादव कांग्रेस से नाराज है. वजह लोकसभा की बदायूं सीट बताई जा रही है. दरअसल, बदायूं सीट यादव परिवार की पारंपरिक सीट है. धर्मेंद्र यादव बदायूं से सांसद है. साल 2014 में समाजवादी पार्टी ने जो पांच सीटें जीती थी. उसमें धर्मेंद्र यादव की बदायूं सीट भी थी. अखिलेश यादव ने एक बार फिर धर्मेंद्र यादव को बदायूं से ही उम्मीदवार बनाया है, लेकिन परेशानी इस बात की है कि इस बार कांग्रेस ने भी बदायूं से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है.

कांग्रेस ने बदायूं से पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता सलीम शेरवानी को प्रत्याशी बनाया है. बदायूं में मुस्लिम मतों की तादाद अच्छी है, ऐसे में इसके लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दावेदारी करेगी. कांग्रेस के इसी फैसले से दोनों की रिश्तों में तल्खी आई है. दरअसल, इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि एसपी-बीएसपी गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल होगी और यूपी में एक महागठबंधन बनेगा. लेकिन, इससे पहले ही कांग्रेस ने यूपी में अपने 11 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी और इसी लिस्ट में बदायूं की सीट भी है.

चर्चा तो ऐसी भी थी कि अखिलेश यादव कांग्रेस को गठबंधन में शामिल करने के लिए तैयार भी थे और कुछ सीटें भी देना चाह रहे थे. इतना ही नहीं खबर यह भी थी कि कांग्रेस और एसपी बीएसपी के बीच यह समझौता भी था कि सभी पार्टियां परिवार की सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं खड़ा करेंगे. एसपी-बीएसपी गठबंधन ने भी कांग्रेस के दो पारिवारिक सीटें अमेठी और रायबरेली पर अपने उम्मीदवार नहीं खड़ा करने की घोषणा की थी. ऐसे में अखिलेश यादव को इस बात की उम्मीद थी कि कांग्रेस भी उसके परिवार के सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं खड़ा करेगी. लेकिन, कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया और बदायूं में सपा के धर्मेंद्र यादव के खिलाफ अपने प्रत्याशी खड़ा करने की घोषणा कर दी है और शायद यही नाराजगी की सबसे बड़ी वजह है.

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