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CM योगी का बड़ा ऐलान- अग्निवीरों को पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नौकरी में मिलेगी प्राथमिकता
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लखनऊ : त्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ऐलान किया है कि अग्निपथ योजना के तहत सेवा के चार साल बाद यूपी सरकार पुलिस और अन्य संबंधित सेवाओं में प्राथमिकता देगी.सीएम योगी ने लिखा, 'मां भारती की सेवा के उपरांत अग्निवीरों को यूपी सरकार प्रदेश पुलिस एवं संबंधित अन्य सेवाओं में प्राथमिकता प्रदान करेगी. युवाओं के उन्नयन एवं उनके सुरक्षित भविष्य के लिए भाजपा की डबल इंजन की सरकार सतत समर्पित व पूर्णतः प्रतिबद्ध है. जय हिंद!'
अग्निपथ, देशभक्त और प्रेरित युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति देता है. केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अग्निपथ योजना सशस्त्र बलों के युवा प्रोफाइल को सक्षम करने के लिए डिजाइन की गई है.
गृह मंत्रालय भी देगा केंद्रीय बलों में प्राथमिकता
वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से भी जारी बयान में बताया गया कि मंत्रालय ने सेना में चार साल की सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को केंद्रीय सैन्य पुलिस बल और असम राइफल्स में प्राथमिकता देने का फैसला किया है.
क्या है अग्निवीर योजना
सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में मंगलवार को आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ' नामक योजना की मंगलवार को घोषणा की, जिसके तहत चार साल की अवधि के लिए संविदा आधार पर सैनिकों की भर्ती की जाएगी.
सेना में ज्यादा योग्य और युवा सैनिकों को भर्ती करने के लिए दशकों पुरानी चयन प्रक्रिया में बड़े बदलाव के संबंध में रक्षा मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे और चयन के लिए पात्रता आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें 'अग्निवीर' नाम दिया जाएगा.
कितना होगा वेतन
रोजगार के पहले वर्ष में एक 'अग्निवीर' का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे. हर महीने 9,000 रुपये सरकार के समान योगदान वाले एक कोष में जाएंगे. इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा. प्रत्येक 'अग्निवीर' को 'सेवा निधि पैकेज' के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी.
यह भर्ती 'अखिल भारतीय, अखिल वर्ग' के आधार पर की जाएगी. इससे उन कई रेजींमेंट की संरचना में बदलाव आएगा, जो विशिष्ट क्षेत्रों से भर्ती करने के अलावा राजपूतों, जाटों और सिखों जैसे समुदायों के युवाओं की भर्ती करती हैं. (भाषा इनपुट के साथ)