लखनऊ

मंत्रियों को लेकर "नवाबों के शहर" से दिल्ली के लिए उड़ा विमान पहुंचा "पिंक सिटी"

Sujeet Kumar Gupta
7 March 2020 5:26 AM GMT
मंत्रियों को लेकर नवाबों के शहर से दिल्ली के लिए उड़ा विमान पहुंचा पिंक सिटी
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सोशल मीडिया पर विमान डायवर्ट होने के बाद लोगों ने कमेंट में चुटकी भी ली। एक ने कमेंट किया कि भाजपा मंत्री और नेता दिल्ली जाने के लिए बोर्डिंग के लिए 45 मिनट पहले ही एयरपोर्ट पहुंच गए।

लखनऊ। विमान यात्रियों को तब हैरानी हुई जब वो लखनऊ से दिल्ली के लिए उड़ान भरी लेकिन दिल्ली से उस विमान को पिंक सिटी जयपुर के तरफ भेज दिया गया विस्तारा की उड़ान संख्या यूके 879 यहां तय समय से 20 मिनट लेट रवाना हुई। इसको दिन में 3:25 बजे उड़ान भरनी थी लेकिन दिल्ली में मौसम ठीक न होने की वजह से रुकना पड़ा। 3:45 बजे विमान ने उड़ान भरी। इसके बाद जब दिल्ली पहुंचा तो वहां से जयपुर भेज दिया गया। करीब सात बजे विमान जयपुर उतरा। इसके बाद एक घंटे तक सभी यात्री विमान में रहे। दिल्ली का मौसम सुधरने के बाद दोबारा विमान जयपुर से रवाना हुआ और रात के 9:00 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा।

बतादें कि लखनऊ से दिल्ली के लिए उड़ा विस्तारा का विमान वहां मौसम खराब होने के कारण नहीं उतर सका। इस विमान में अन्य यात्रियों के अलावा यूपी कैबिनेट के दो मंत्री, सहकारी समिति चेयरमैन, सांसद और एमएलसी भी सवार थे। दिल्ली से विमान को जयपुर एयरपोर्ट भेज दिया गया। विमान जयपुर उतरा तो मंत्री ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा की। इन सभी नेताओं को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के यहां शादी समारोह में शामिल होना था।

इस विमान में कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन गोपालजी के साथ कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, पैक्सफेड के चेयरमैन वीरेन्द्र तिवारी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद डॉ. अनिल जैन, भाजपा के प्रदेश महासचिव एमएलसी विजय पाठक समेत अन्य कुछ नेता भी थे। एयर ट्रैफिक कंट्रोल के अनुसार दिल्ली में सुबह से ही मौसम खराब था। कभी दृश्यता की कमी तो कभी रनवे के पास उल्टी दिशा से तेज हवाएं चलने के कारण विमानों को नजदीक के दूसरे एयरपोर्टों पर भेजा गया।

सोशल मीडिया पर विमान डायवर्ट होने के बाद लोगों ने कमेंट में चुटकी भी ली। एक ने कमेंट किया कि भाजपा मंत्री और नेता दिल्ली जाने के लिए बोर्डिंग के लिए 45 मिनट पहले ही एयरपोर्ट पहुंच गए। इसके बाद पहले उड़ान लेट हुई, फिर डायवर्ट हो गई। जितना समय नेताओं को विमान से पहुंचने में लगा उतनी देर में तो सड़क के रास्ते भी पहुंच सकते थे।


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