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- अनुदेशक शिक्षा मित्र...
अनुदेशक शिक्षा मित्र करें इस वीडियो को शेयर, मंत्री संदीप सिंह तक पहुंचे आवाज
उत्तर प्रदेश में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा को और अधिक क्रियाशील बनाने के उद्देश्य से नियुक्त किए गए। चूंकि पूर्व सीएम कल्याण सिंह जी भी एक शिक्षक थे आज उनकी जयंती है और उन्हीं के पोते संदीप सिंह बेसिक शिक्षा मंत्री है। तो एक शिक्षक सीएम को शिक्षकों को सम्मान देकर सच्ची श्रद्धांजलि देना सबसे हितकर होगा। लिहाजा आज का मौका नहीं चूकना चाहिए और संदीप सिंह को इस की घोषणा कर देनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में दो पद बड़े ही मजाक के पात्र बने हुए है। इन दोनों पदों पर भर्ती किए गए लोगों के साथ एक बार नहीं कई जलील, बेइज्जत भी किया गया। इनसे वेतन की वसूली भी की गई। लेकिन इनके बारे में कोई शब्द किसी ने नहीं बोला। जबकि यह राजनैतिक बिडम्बना का भी शिकार हो गए। वैसे सरकारी कर्मचारियों का संबंध किसी राजनैतिक दल से नहीं होता है। हालांकि संविदा कर्मियों को अर्ध सरकारी भी नहीं माना जाता है। इन्हे कॉन्ट्रेक्ट बेस कर्मचारी माना जाता है।
इस सबके वावजूद आज भी अनुदेशक जिस स्थान पर नियुक्त किया गया वहीं खड़ा हुआ है। इस आदेश में अभ्यर्थी अपने जिले में ही आवेदन कर सकेंगे भी लागू किया गया लेकिन उन्हे नियुक्त अन्यत्र जनपदों में किया गया। उन्हे कॉन्टेक्ट के मुताबिक उनकी नियुक्ति उनके ही विकास खंड में होनी थी वह भी नहीं हुई। लेकिन उन्हे 7000 हजार के वेतन में अधिक से अधिक 120 किलोमीटर और कम सेकम 10 किलोमीटर तक नियुक्ति मिली कुछ इसमें भी अपवाद हो सकते है कि उन्हे कम दूर जाना पड़ता हो। उसके बाद उन पर अखिलेश समर्थक होने का आरोप लगा। जो कि सरासर गलत था क्योंकि 2012 में अखिलेश यादव तो पहली बार सीएम बने और 2017 में चुनाव हार गए तो क्या अनुदेशक और शिक्षा मित्र ने उनका समर्थन किया। नहीं किया होता तो शायद अखिलेश यादव चुनाव जीत जाते। उसके बाद 2024 के चुनाव में भी शिक्षा मित्र अनुदेशक के नियमितीकरण की बात अखिलेश यादव ने की लेकिन चुनाव नहीं जीते तो इन पर किसी दल विशेष का समर्थक होने का आरोप मिथ्या लग रहा है।