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17 अगस्त तक भी नहीं मिला अनुदेशक शिक्षा मित्र का मानदेय, तीन साथियों की मौत से शिक्षा मित्रों में हाहाकार
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूल में शिक्षा मित्र और उच्च प्राथमिक विधालय में अनुदेशक कार्यरत है। इनको साल मे 11 माह का मानदेय मिलता है। जो शिक्षा मित्र को 10000 हजार और अनुदेशक को 9000 हजार के रूप में मिलता है। इस मानदेय को भी सरकार कभी कभी तो बहुत लेट भी कर देती है। साथ ही प्रदेश में आज तीन शिक्षा मित्र साथियों के निधन की खबर सुनकर शिक्षा मित्रों में हाहाकार मचा हुआ है, सभी शिक्षा मित्रों ने इनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है।
अब बात जुलाई के मानदेय की करें तो अब तक मानदेय का लतापता नहीं है। शिक्षा मित्र संघ के नेता सुशील कुमार यादव ने बताया कि हमने शिक्षा महानिदेशक से मुलाकात करके इस मुद्दे को उठाया कि अनुदेशक और शिक्षा मित्र के मानदेय को जल्द से जल्द उसके खाते में भेजा जाए। क्योंकि जून के माह में 15 दिन का मानदेय मिलता है जबकि हम अब डेढ़ माह से लगातार स्कूल जा रहे है। अब हमारे आने जाने का पैसा भी नहीं बचा है। क्योंकि अनुदेशक तो अपने गाँव घर से किलोमीटरों की यात्रा भी करता है जबकि बड़ी संख्या में शिक्षा मित्र भी दूसरे स्कूलों में जाते है।
शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि अभी हमें केंद्र सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर दिया जाने वाला पैसा नहीं मिला है जैसे ही मिलेगा वैसे ही हम मानदेय सबका रिलीज कर देंगे। साथ ही मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा पिछला धन जो जारी किया गया था उसका हिसाब अभी सरकार के द्वारा नहीं दिया जा सका है जिससे नया पैसा सरकार से डिमांड नहीं की जा सकी है। जब पुराने पैसे का उपभोग प्रमाण पत्र जमा हो जाएगा तब नया पैसा केंद्र सरकार के द्वारा जारी किया जाएगा। उसके बाद ही अनुदेशक शिक्षा मित्रों का मानदेय दिया जाएगा।
साथ ही यह भी कहा कि अभी सरकार के द्वारा 15 दिन का मानदेय निजी स्तर पर भुगतान किया गया ताकि अनुदेशक शिक्षा मित्र को परेशानी का सामना न करना पड़े। सरकार जल्द ही इस पर निर्णय लेकर जल्द से जल्द मानदेय की व्यवस्था करेगी।