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यूपी में अनुदेशक और शिक्षा मित्र हुए बेरोजगार, 15 दिन का नहीं मिलेगा वेतन
उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग में कई बड़ी खामियाँ भी नजर आती है। इन खामियों को अधिकारी मुख्यमंत्री तक जाने नहीं देते वरना इस बात को सीएम मंजूरी जरूर दे देते और यूपी के 27 हजार अनुदेशक और डेढ़ लाख शिक्षा मित्र बेरोजगार नहीं होते। यूपी के स्कूल 1 से 15 जनवरी तक बंद रहेंगे। शिक्षकों को सैलरी मिलेगी लेकिन अनुदेशक और शिक्षामित्रों को इन 15 दिनों की सैलरी नहीं मिलेगी। जबकि इनकी सैलरी 10 हजार से भी कम है।
बीते वर्ष 2022 में बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून से स्कूल खोलने की शुरुआत की। इस की शुरुआत जब हुई तो वेतन को लेकर हायतोबा मची । लिहाजा सरकार ने तब कहा कि अवकाश को हम जनवरी में देंगे टीवी वेतन नहीं देंगे जबकि अभी हम 15 दिन का जून माह वेतन रिलीज करेंगे। उस समय अनुदेशक और शिक्षा मित्र ने सोचा सरकार का दिल बड़ा होता है समय आने पर हमें 15 दिन शीतकालीन अवकाश का भी वेतन हमारे दरियादिल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर देंगे।
लिहाजा सभी अनुदेशक और शिक्षामित्र पूरे मनोयोग से शिक्षण कार्य में जुटे रहे। अब वो शीतकालीन अवकाश शुरू हो चुका है तो सरकार अब वेतन देने की मंशा नहीं बना रही है। जबकि सरकार को इस भीषण ठंड में वेतन देना चाहिए। इस लिहाज से अब अनुदेशक और शिक्षामित्र बेरोजगार होते नजर या रहे है। जबकि सरकार के सरकारी अध्यापक 15 दिन का कमसे कम 35 हजार और ज्यादा से ज्यादा 50 हजार वेतन पाएंगे जबकि एक टीचर के वेतन में दस अनुदेशक और दस शिक्षामित्र अपना मानदेय पा जाएंगे लेकिन सरकार की मंशा नहीं दिख रही है।
यूपी के स्कूल 1 से 15 जनवरी तक बंद रहेंगे। शिक्षकों को सैलरी मिलेगी लेकिन अनुदेशक और शिक्षामित्रों को इन 15 दिनों की सैलरी नहीं मिलेगी। जबकि इनकी सैलरी 10 हजार से भी कम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, अनुरोध है कि ये अन्याय न करें। इन लोगों के परिवार का तो ख्याल करिए। 5 हजार बचाकर आप क्या ही कर लेंगे? इन परिवार को भी रोजगार देकर अनुगृहीत करें।
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